नई दिल्ली। खालिस्तानी मसला हमेशा से विवादों में रहा है। बीते दिनों केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन के दौरान भी खालिस्तानी एंगल सामने आया था। जिसमें शरारती तत्व अपने नापाक इरादों को धरातल पर उतारते हुए दिखे थे। लेकिन आज इस रिपोर्ट में हम उन मसलों के बारे में नहीं, बल्कि अभी हाल ही में एक निहंग की उस करतूत के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, जो कि अभी खबरों की दुनिया में खासा सुर्खियों में है। चलिए, उससे पहले कि हम आपको पूरा माजरा तफसील से बताएं, उससे पहले तो आप यह जान लीजिए कि आज यानी की शुक्रवार को शिव सेना बाल ठाकरे के हरीश सिंगला ने खालिस्तानी समर्थकों के विरोध में रैली निकालने का ऐलान किया था, जिसमें कई लोगों ने खुद के शामिल होने पर सहमति व्यक्त की थी, लेकिन राज ठाकरे के उपरोक्त ऐलान के उपरांत था, कोई ऐसा, जिसको लग गई मिर्ची, उससे रहा नहीं गया, सवार हो गया उसके सिर पर खून का सैलाब और अपने जेहन में पल्लवित होते नापाक इरादों को ताक में बैठ गया।
The incident of clashes in Patiala are deeply unfortunate. I spoke with DGP, peace has been restored in the area. We’re closely monitoring the situation & won’t let anyone create disturbance in the State. Punjab’s peace and harmony is of utmost importance: Punjab CM Bhagwant Mann pic.twitter.com/n0eA8Q2qpz
— ANI (@ANI) April 29, 2022
जी हां… आपको बता दें कि पटिलाया में निहंग सिख ने एक थाने के एसएचओ पर जानलेवा हमला कर दिया। लिहाजा हमले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए एसएचओ को तत्काल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जहां वे उपाचाराधीन हैं। ध्यान रहे कि शिवसेना नेता द्वारा खालिस्तानियों के विरोध में रैली निकालने के उपरांत ही उपरोक्त हमले का मामला प्रकाश में आया है। फिलहाल, पुलिस हमलावर को गिरफ्त में ले चुकी है। उधर, थाने की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि कुछ मीडिया बंधुओं द्वारा उक्त घटना के संदर्भ में यह कहा जा रहा है कि हमलावर ने एसएचओ का हाथ काट दिया है, जो कि पूर्णत: गलत है।
ऐसा कुछ भी नहीं है। यह महज अफवाहें हैं। इस ध्यान देने से परहजे करें। फिलहाल हमलावर पुलिस की गिरफ्त में है और उससे पूछताछ का सिलसिला जारी है। उससे यह जानने की कोशिश जारी है कि आखिर उसने ऐसा किस मंशा के आधार पर किया है। पूरी उम्मीद है कि उक्त हमलावर को उसे किए की सजा मिलेगी। अगर आपकी याददाश्त तनिक भी दुरूस्त होगी, तो आपको यह याद ही होगा कि किसान आंदोलन के दौरामन किस कुछ चुनिंदा निहंगों ने अपने नापा इरादों को धरातल पर उतारने का कम किया। बहरहाल, उपरोक्त मामले की निकटतम परिणीति का इंतजार रहेगा।