नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता के संदर्भ में अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल चुकी है। कोर्ट ने पवन खेड़ा को जमानत दे दी है। इस बीच न्यायाधीश ने तल्ख टिप्पणी कर कहा कि कौन हैं पवन खेड़ा? इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले में लखनऊ, बनारस और असम में दर्ज हुई एफआईआर को क्लब कर एक जगह सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया है। ऐसे में यह सुनवाई कहां होती है। इसका फैसला आगामी सोमवार को किया जाएगा, लेकिन इस मामले में अब तक तक की सबसे बड़ी खबर यह है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल चुकी है। बता दें कि पवन खेड़ा रायपुर में कांग्रेस महाधिवेशन में हिस्सा लेने जा रहे थे, तभी उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया।
कांग्रेस नेता ने कहा कि गिरफ्तारी के वक्त उनसे कहा गया था कि उनके सामान की अदला-बदली हो गई है, लेकिन असल में ऐसा हुआ नहीं था। उधर, उक्त प्रकरण को लेकर बीजेपी-कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज हो चुकी है। पवन खेड़ा की गिरफ्तारी के विरोध में रणदीप सुरजेवाला सहित अन्य नेता बीजेपी के विरोध में धरने पर बैठ गए हैं और खेड़ा की गिरफ्तारी को अलोकतांत्रिक बता रहे हैं। उधर, बीजेपी ने खेड़ा द्वारा दिए गए बयान को सुनियोजित बताया है, जबकि कांग्रेस इसे ‘जुबां का फिसलना’ बता रही है।
असम पुलिस ने खेड़ा से जुड़ा वीडियो भी सुप्रीम कोर्ट में दिखाया है। बता दें कि बीते दिनों इस संदर्भ में खेड़ा ने खुद माफी मांगी थी और कहा था कि यह सबकुछ स्लिप ऑफ टंग था, लेकिन तब तक उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी थी, जिस पर संज्ञान लेने के बाद पुलिस ने आज उन्हें गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, अब उन्हें अंतरिम राहत दे दी गई है। ऐसे में यह माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन उससे पहले आपको बता देते हैं कि आखिर पवन खेड़ा ने पीएम मोदी के पिता के संदर्भ में ऐसा क्या कह दिया था कि उन्हें आफत से लेकर राहत तक का सफर तय करना पड़ा। आइए, जानते हैं।
दरअसल, बीते दिनों कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने अदानी मामले को लेकर बनारस में प्रेस कांफ्रेंस की थी। जिसमें अन्य नेता भी मौजूद थे। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने अदानी प्रकरण की जेपीसी जांच नहीं कराने को लेकर हमला बोला था। खैर, यहां तक तो सबकुछ ठीक रहा, लेकिन बाद उन्होंने पीएम मोदी के पिता के नाम के संदर्भ में कुछ ऐसा कह दिया, जो अब उनके लिए आफत बन गई है। कांग्रेस नेता ने कहा था कि अदानी मामले में जेपीसी गठन करने में उनको क्या समस्या है। बाद में उन्होंने कहा कि क्षमता करें। नरेंद्र दामोदरदास मोदी। बाद में उन्होंने कहा कि क्षमा करें भ्रमित हो गया था। लेकिन इसके बाद उन्होंने कह दिया कि नाम दामोदरदास है, लेकिन कर्म गोतमदास के हैं। इस बयान के बाद कांग्रेस नेता के खिलाफ असम, लखनऊ और वाराणसी में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
हालांकि, बाद में खेड़ा ने अपने बयान को लेकर माफी मांगी थी। उन्होंने अपने द्वारा दिए बयान को स्लिप ऑफ टंग करार दिया था, लेकिन बीजेपी का हमला जारी रहा, जिसका नतीजा यह हुआ कि खेड़ा को इस मामले में अब हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का सफर करना पड़ा। उधर, कांग्रेस में भी पूरे मामले को लेकर खलबली मची हुई है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।