newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

जब राज्यों ने ही नहीं दिया आंकड़ा, तो केंद्र आखिर कैसे कह दे कि ऑक्सीजन से कितनी मौतें हुईं ?

oxygen। सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा था कि जब कुछ अच्छा हो, तो विपक्ष शासित राज्यों के सीएम श्रेय ले लेते हैं और कुछ खराब हो जाने पर ठीकरा मोदी सरकार पर फोड़ते हैं। अगर हकीकत पर गौर करें, तो जब कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की जरूरत थी, तो नियम किनारे रखकर ट्रेनों का ग्रीन कॉरिडोर बनाकर ऑक्सीजन के टैंकर मोदी सरकार ने देशभर में भेजे थे।

नई दिल्ली। राज्यसभा में मंगलवार को कोरोना की दूसरी लहर के मसले पर जोरदार चर्चा हुई। इस दौरान विपक्ष ने मोदी सरकार पर तमाम आरोप लगाए। बड़ा आरोप ये लगाया गया कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की जान गई, लेकिन सरकार ने इस वजह से किसी की जान न जाने की बात कही। इस पर अब मोदी सरकार को विपक्ष घेर रहा है, लेकिन सवाल ये है कि जब राज्य ही केंद्र को आंकड़े नहीं देगा, तो आखिर सरकार बताएगी कैसे कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की जान गई या नहीं।

oxygen-cylinder

विपक्ष की ओर से इस मुद्दे को उठाने वाले शिवसेना के संजय राउत को ही ले लीजिए। वो ट्वीट कर रहे हैं कि ऑक्सीजन की कमी से जिन लोगों की जान गई, उनके घरवालों को यह जवाब सुनकर कैसा लग रहा होगा कि केंद्र सरकार ऐसी मौतों से इनकार कर रही है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी ऐसा ही ट्वीट किया है।
अब बात हकीकत की कर लेते हैं। संजय राउत की पार्टी शिवसेना का महाराष्ट्र में सीएम है। कांग्रेस इस सरकार को समर्थन दे रही है। महाराष्ट्र सरकार ने ही इस साल मई में बॉम्बे हाईकोर्ट में कहा था कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई। खास बात ये भी है कि विपक्ष की कई जगह सरकारें हैं, लेकिन इन सरकारों के किसी भी मुखिया ने अब तक यह नहीं कहा है कि ऑक्सीजन की कमी से उसके राज्य में कितने लोगों की जान गई। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने तो जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल में 23-24 अप्रैल की रात 21 मरीजों की मौत को भी ऑक्सीजन की कमी की वजह से नहीं माना था। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया था कि मरीजों को दूसरी बीमारियां थीं और इनके लिए ऑक्सीजन की कमी नहीं थी। केजरीवाल सरकार के इस जवाब का मृतकों के रिश्तेदारों ने जमकर विरोध भी किया था।

उधर, ऑक्सीजन के मामले में राहुल गांधी की ओर से सवाल उठाकर ट्वीट किया गया। इस पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अपने अंदाज में उन्हें जवाब दिया। गिरिराज ने राहुल के ट्वीट पर जवाब देने के लिए इटैलियन भाषा का इस्तेमाल किया गया। गिरिराज काफी दिनों से इटली और राहुल के रिश्तों को लेकर सवाल दागते रहे हैं।

सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा था कि जब कुछ अच्छा हो, तो विपक्ष शासित राज्यों के सीएम श्रेय ले लेते हैं और कुछ खराब हो जाने पर ठीकरा मोदी सरकार पर फोड़ते हैं। अगर हकीकत पर गौर करें, तो जब कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की जरूरत थी, तो नियम किनारे रखकर ट्रेनों का ग्रीन कॉरिडोर बनाकर ऑक्सीजन के टैंकर मोदी सरकार ने देशभर में भेजे थे। दिल्ली जैसे राज्यों ने जब टैंकर न होने की बात कही, तो केंद्र सरकार ने विदेश से विमानों के जरिए टैंकर मंगाकर ऑक्सीजन सप्लाई की थी। केंद्र के कई अफसर दिन-रात निगरानी कर रहे थे कि राज्यों में कहां कितनी ऑक्सीजन की जरूरत है और कितनी पहुंच रही है। दिल्ली में तो ऑक्सीजन ऑडिट से ये भी पता चला कि जरूरत के मुकाबले राज्य की केजरीवाल सरकार ज्यादा ऑक्सीजन की मांग करती रही।