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Maharashtra: किसे मिलेगी NCP की कमान?, EC के इस कदम से सियासी हलचल तेज, फिर आमने-सामने होंगे शरद पवार और अजित पवार

Maharashtra: सीनियर पवार ने बागी विधायकों को पार्टी के सभी आधिकारिक पदों से भी बर्खास्त कर दिया गया था, जिस पर अजित पवार की ओर से आपत्ति जताई गई थी, क्योंकि वो लगातार एनसीपी पर अपना मालिकाना हक जता रहे हैं, जिसका शरद पवार विरोध कर रहे हैं।

नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दोनों गुटों को चुनाव आयोग ने आगामी 6 अक्टूबर को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए तलब किया है। इससे पहले दोनों गुटों के नेताओं ने आयोग के समक्ष अपने दस्तावेज जमा कराए थे। ध्यान दें, बीते दिनों अजित पवार के बगावती तेवर की वजह से एनसीपी दो फाड़ हो गई थी। जिमसें एक की कमान शरद पवार, तो दूसरे की कमान अजित पवार के हाथों में थी। फिलहाल, दोनों ही खुद को असली एनसीपी बता रहे हैं। ऐसे में कौन असली एनसीपी है? इस पर फैसला चुनाव आयोग करेगी। जिसे ध्यान में रखते हुए दोनों ही गुटों को आयोग ने तलब किया है। बता दें कि बीते दिनों शरद पवार ने आयोग को दिए अपने बयान में कहा था कि पार्टी में किसी भी प्रकार की फूट की स्थिति नहीं है। वहीं, सीनियर पवार ने उन 40 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी, जिन्होंने अजित गुट में शामिल होकर उनके खिलाफ बगावत का झुंडा बुलंद किया था।

यही नहीं, सीनियर पवार ने बागी विधायकों को पार्टी के सभी आधिकारिक पदों से भी बर्खास्त कर दिया था, जिस पर अजित पवार की ओर से आपत्ति जताई गई थी, क्योंकि वो लगातार एनसीपी पर अपना मालिकाना हक जता रहे हैं, जिसका शरद पवार विरोध कर रहे हैं। इसी सिलसिले में बीते दिनों अजित पवार अपने चाचा शरद पवार से मिलने पहुंचे थे, लेकिन दावा है कि मुलाकात के दौरान शरद पवार ने उनसे कोई वार्ता नहीं की थी, जिससे स्पष्ट है कि दोनों के बीच नाराजगी अभी-भी बरकरार है। सूत्रों का दावा है कि अजित पवार अपने चाचा को मनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वो मानने को तैयार नहीं हैं।

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बता दें कि बीते दिनों अजित पवार ने अपने 40 समर्थक विधायकों के साथ अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ ही बगावत का बिगुल फूंक दिया था, जिसके बाद वो एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए, जहां उन्हें डिप्टी सीएम और उनके सहयोगी विधायकों को मंत्री पद से विभूषित किया गया था। इसके कुछ दिनों बाद आई खबरों में दावा किया गया कि शिंदे सरकार में अजित पवार की आमद के बाद दरार पैदा होने की संभावना प्रबल हो गई, लेकिन बाद में इन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया गया था।