newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Narendra Modi: आखिर पीएम मोदी पर क्यों इतना भरोसा करती है जनता? विपक्ष के महंगाई, बेरोजगारी जैसे आरोप क्यों हो गए ध्वस्त? जानिए यहां

Narendra Modi: पांच राज्यों में संपन्न हुए चुनावों के नतीजों में बीजेपी ने बाकी सभी पार्टियों का खेला बिगाड़ दिया है। एकमात्र पंजाब ऐसा राज्य रहा जहां ‘आप’ ने बीजेपी का खेला बिगाड़ा। लेकिन ये क्या कम बात है कि सत्ता विरोधी लहर के तमाम दावों के बावजूद बीजेपी ने वो कारनामा कर दिखाया है, जो शायद ही कभी देखने को मिलता है।

नई दिल्ली। पिछले कुछ महिनों से तेज चल रही चुनावी आंधी कल परिणाम घोषित होने के साथ थोड़ी मद्धिम होती नजर आ रही है। पांच राज्यों में संपन्न हुए चुनावों के नतीजों में बीजेपी ने बाकी सभी पार्टियों का खेला बिगाड़ दिया है। एकमात्र पंजाब ऐसा राज्य रहा जहां ‘आप’ ने बीजेपी का खेला बिगाड़ा। लेकिन ये क्या कम बात है कि सत्ता विरोधी लहर के तमाम दावों के बावजूद बीजेपी ने वो कारनामा कर दिखाया है, जो शायद ही कभी देखने को मिलता है। लेकिन, बीजेपी के इस जीत के पीछे राज क्या है? पांच में से चार राज्यों में धमाकेदार वापसी करने के पीछे आखिर वजह क्या है ? क्या बीजेपी के लिए एंटी इंकम्बेंसी का कोई महत्व नहीं?  आज की कहानी इसी पर केंद्रित है, तो आइए समझते हैं..

pm modi

एंटी इंकम्बेंसी नहीं प्रो इंकम्बेंसी कहिए जनाब!

चुनावी नतीजों से पहले या फिर चुनाव में मतदान के समय राजनीतिक पंडितों में यह बात दबी जुबान ही सही, लेकिन अंदाजा लगाया जा रहा था कि बीजेपी को लोग वोट करेंगे लेकिन उस तरह से नहीं, जिस तरह से पहले किया था। ये बात तार्किक रूप से समझी भी जा सकती है, क्योंकि एक बार सत्ता में आने के बाद अगले चुनाव में सत्ताविरोधी लहर का सामना पार्टियां आमतौर पर करती ही हैं। इसका उदाहरण पंजाब में कांग्रेस हो सकती है। जिस तरीके से लोगों ने पंजाब में वोट किया, वह सत्ता विरोधी लहर का ही परिणाम था, लेकिन बीजेपी के मामले में ऐसा नहीं दिखता। इसके लिए हम एक शब्द का यहां इस्तेमाल कर सकते हैं- प्रो इंकम्बेंसी। इसीलिए कहा जा रहा है, बीजेपी के लिए एंटी इंकम्बेंसी नहीं प्रो इंकम्बेंसी कहिए जनाब!

pm modi live

धराशायी विपक्ष और ब्रैंड मोदी

पांच राज्यों के चुनाव में बीजेपी पीएम मोदी के चेहरे के साथ ही उतरी थी, विशेषकर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में। उत्तराखंड में यह कहावत प्रसिद्ध है कि यहां बारी-बारी से सत्ता परिवर्तन का नियम है। चुनाव के दरम्यान कांग्रेस की पकड़ भी वहां ठीक होती दिख रही थी, लेकिन पीएम मोदी! पीएम  मोदी ने आखिरी चरण में वहां धड़ाधड़ एक के बाद एक चार रैलियां की और अब परिणाम हमारे सामने है। चुनाव के दौरान पीएम मोदी के चेहरे को बीजेपी ने खूब भूनाया, और इसका साफ असर मतदाताओं पर पड़ता दिखा है।

narendra modi

बेरोजगारी, महंगाई और कोविड के दौरान हुई मौतों को भूना नहीं पाया विपक्ष, मोदी का चेहरा पड़ा भारी

कोविड-19 जब अपने चरम पर था तो लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। खासकर मजदूर वर्गों और कोविड पीड़ितों को। विपक्ष के पास मौका था कि इन मुद्दों पर सत्ता पक्ष को घेर सकता था, लेकिन वह अपने ही अंतर्कलह से परेशान रहा। यूपी की बात की जाए तो भले ही अखिलेश यादव की पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ा और सीटों में इजाफा हुआ, लेकिन सत्ता की चाबी फिर भी दूर रही, अखिलेश यूपी के मुद्दों को भूना नहीं पाए और बाद में ईवीएम को दोष देते दिखें। हालांकि, इन सब मुद्दों पर पीएम मोदी का अकेला चेहरा भारी पड़ता दिखा और अब बीजेपी चार राज्यों में सरकार बनाने जा रही है।