नई दिल्ली। शुक्रवार सुबह दिल्ली एयरपोर्ट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ढाका के लिए रवाना हुए। अपनी यात्रा के दौरान वो बांग्लादेश द्वारा आजादी के पचास साल पूरे होने पर मनाए जा रहे जश्न में शामिल हुए। इसको लेकर कई कार्यक्रम रखे गए थे, जिसमें पीएम मोदी बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने पहुंचे। वहीं पीएम मोदी के विदेशी दौरे की बात करें तो इससे पहले पीएम मोदी नवंबर 2019 में ब्राजील दौरे पर गए थे। बांग्लादेश की आजादी के 50वें सालगिरह के मौके पर पीएम मोदी ने मंच से कहा कि बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना, मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक था। मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी जब मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था।
बस पीएम नरेंद्र मोदी का मंच से इतना कहना था कि भारत में विपक्षी दलों ने इस बयान पर तूफान खड़ा कर दिया। सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के इस बयान को लेकर ट्रोल करना शुरू कर दिया गया। इसके बाद इसका जवाब देने के लिए सोशल मीडिया पर ही प्रधानमंत्री मोदी के बयान के समर्थन में भी लोग उतर आए और कई किताबों का जिक्र किया गया। जिसमें स्पष्ट तौर पर पीएम मोदी के इस बयान की सत्यता का जिक्र था। जो यह साबित कर रहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने वहां जो बयान दिया वह सही थी।
इसको लेकर ट्वीट में लिखा गया कि प्रधानमत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी के जीवन पर प्रकाशित पुस्तक “कॉमन मैन नरेंद्र मोदी” के पेज 38-39 में भी, उनके पूर्वी बंगाल में पाकिस्तानी सेना के जुल्मों के खिलाफ हुए आंदोलन में भाग लेने का जिक्र है।
प्रधानमत्री बनने से पहले @narendramodi के जीवन पर प्रकाशित पुस्तक “कॉमन मैन नरेंद्र मोदी” के पेज 38-39 में भी, उनके पूर्वी बंगाल में पाकिस्तानी सेना के जुल्मो के खिलाफ हुए आंदोलन में भाग लेने का जिक्र है।
अब तक इतिहास ही गलत और अधूरा पढ़ाया गया है हमे#LieLikeModi ब्रिगेड के लिए pic.twitter.com/gicRpZMZ1T— Nirnay Kapoor (@nirnaykapoor) March 27, 2021
इसके साथ ही इसी ट्वीट में एक वीडियो पोस्ट कर इस बात का भी जिक्र किया गया कि 2015 में भी अपनी बंगलादेश यात्रा के दौरान नरेंद्र मोदी ने बंगलादेश की मन्यता के समर्थन में भारत में जनसंघ द्वारा किये गए सत्याग्रह और उसमें भाग लेने की बात कही थी तब तो किसी ने नोटिस भी नहीं किया था।
2015 में भी अपनी बंगलादेश यात्रा के दौरान @PMOIndia @narendramodi ने बंगलादेश की मन्यता के समर्थन में भारत में जनसंघ द्वारा किये गए सत्याग्रह और उसमें भाग लेने की बात कही थी तब तो किसी ने नोटिस भी नहीं किया था। @indiatvnews pic.twitter.com/G0lWWACG7W
— Nirnay Kapoor (@nirnaykapoor) March 27, 2021
PM @narendramodi mentions his participation in Bharatiya Jana Sangh rally of 25 May 1971 in support of recognising #Bangladesh in a book be wrote in 1978. ‘Scholarship’ is slightly more than copy-pasting from sarkari archives or regurgitating known stuff.#ModiInBangladesh pic.twitter.com/fZU0XbiZqZ
— Kanchan Gupta (@KanchanGupta) March 26, 2021
Book authored by PM @narendramodi Ji which was published in 1978 says that he went to Tihar during Bangladesh satyagraha. pic.twitter.com/ozfSklenU7
— Vinod Chavda ?? (@VinodChavdaBJP) March 26, 2021
जिनको गुजराती समझ नहीं आती उनके लिए 2015 में प्रभात प्रकाशन से हिंदी और अंग्रेज़ी में प्रकाशित किशोर मकवाणा की पुस्तक का कवर और संबंधित पृष्ठ संख्या लगा रहा हूँ । @narendramodi के तिहाड़ जाने की घटना का स्पष्ट उल्लेख है। pic.twitter.com/0lsrVHoW27
— अनंत विजय/ Anant Vijay (@anantvijay) March 27, 2021
अब जब पीएम मोदी के इस बयान को साबित करने के लिए सोशल मीडिया पर इतनी सारी किताबों की क्लिप लगा दी गई है तो भी विपक्ष इस मामले पर पीछे हटने को तैयार नहीं है जबकि पीएम मोदी ने बांग्लादेश की मुक्ति संग्राम में मंच से इंदिरा गांधी की भी जमकर सराहना की थी लेकिन विपक्षियों के लिए पीएम मोदी का वह बयान रामबाण सा लगा जिसको लेकर उन्हे लगा था कि शायद उसके हिसाब का कोई साक्ष्य मौजूद नहीं होगा। इसी साक्ष्य की मौजूदगी की वजह से अपनी गलती के लिए कांग्रेस नेता शशि थरूर आज ही माफी मांग चुके हैं।
पीएम मोदी को झूठा बताने के चक्कर में अपनी फजीहत करा गए कांग्रेस नेता शशि थरूर, मांगी माफी
दो दिन के अपने दौरे पर पीएम नरेंद्र मोदी बंग्लादेश पहुंचे हैं। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य वहां के 50वें बंग्लादेश स्थापना दिवस में उनका शामिल होना था। इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी को बंग्लादेश सरकार की तरफ से निमंत्रण भेजा गया था जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया था। इसी क्रम में 26 मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी ढाका पहुंचे तो वहां उनके स्वागत के लिए वहां की पीएम शेख हसीना एयरपोर्ट पर मौजूद थीं। इसके बाद पीएम मोदी यहां लगातार कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेते रहे और उनका यहां लोगों से खासकर नेताओं और कई समुदायों के प्रतिनिधियों से मिलने का सिलसिला भी जारी रहा। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंग्लादेश के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भी शामिल हुए। जहां मंच से उन्होंने भारत का बंग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सेदारी का जिक्र किया।
इसके बाद मंच से पीएम नरेंद्र मोदी ने बंग्लादेश स्वतंत्रता संग्राम के समय तब भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साहस का भी जिक्र किया और यह भी बताया कि कैसे इस मुक्ति संग्राम के खिलाफ आंदोलन में उन्हें भी जेल जाना पड़ा था। इसी को हेडलाइन बनाकर भारत की एक खबरिया वेबसाइट ने पीएम मोदी के द्वारा संबोधन में कहे गए बातों को लेकर एक खबर प्रकाशित की। जिसे लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे पीएम मोदी का झूठा बयान बताया।
लेकिन जब शशि थरूर को इस बात का एहसास हो गया कि वह ऐसा करके गलती कर बैठे हैं। उन्होंने खबर की सत्यता को समझा ही नहीं है और जल्दबाजी में प्रतिक्रिया दे दी है तो उनको इसको लेकर माफी मांगनी पड़ी। शशि थरूर ने शनिवार को ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को शेयर करते हुए लिखा था, ‘अगर मैं गलत हूं तो इसे स्वीकारने में मुझे बुरा नहीं लगता है। कल जल्दबाजी में हेडलाइन और ट्वीट पढ़कर मैंने ट्वीट किया था, हर कोई जानता है कि बांग्लादेश को किसने आजाद कराया। जिसका मतलब था कि नरेंद्र मोदी ने इंदिरा गांधी के योगदान को नहीं बताया, लेकिन उन्होंने इसका जिक्र किया था। माफ कीजिए।’
दरअसल शशि थरूर ने इस खबर की केवल हेडलाइन पढ़कर ही पीएम मोदी पर निशाना तो साध दिया लेकिन जल्द ही उन्हें अपनी गलती का एहसास हो गया और बवाल ज्यादा ना बढ़े इसलिए उन्होंने इस पर अपनी गलती मानते हुए माफी भी मांग ली।
International education: our PM is giving Bangladesh a taste of Indian “fake news”. The absurdity is that everyone knows who liberated Bangladesh. https://t.co/ijjDRbszVd
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) March 26, 2021
पीएम मोदी ने कार्यक्रम में मंच से कहा था कि, ‘बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक था। मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी जब मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था।’ इसी पर टिप्पणी करते हुए शशि थरूर ने कहा था कि हमारे प्रधानमंत्री बांग्लादेश को भारतीय फर्जी खबर का स्वाद चखा रहे हैं। हर कोई जानता है कि बांग्लादेश को किसने आजाद कराया।