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Good Step: सदियों पुरानी कुरीति से दूर हुआ क्षत्रिय समाज, विधवा विवाह को महासभा ने दी मंजूरी

भारत में विधवा विवाह को किसी समाज में पहले मंजूरी नहीं थी। बंगाल के प्रसिद्ध समाज सुधारक और शिक्षक ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने विधवा विवाह को मान्यता दिलाने की पहल की और अंग्रेजों से बात कर इस बारे में कानून भी बनवाया।

बांदा। क्षत्रिय समाज में कम उम्र में पति को गंवाने वाली युवतियों के लिए सदियों पुराना बंधन आज से टूटने जा रहा है। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने फैसला किया है कि कम उम्र में पति को गंवाने वाली समाज की बेटियां फिर शादी कर घर बसा सकेंगी। बता दें कि समाज के विभिन्न समुदायों में विधवा विवाह का प्रचलन है, लेकिन क्षत्रिय समाज अब तक इस सदियों पुरानी कुरीति से जकड़ा हुआ था। इस अच्छे कदम की शुरुआत आज यूपी के बुंदेलखंड इलाके के बांदा से होने जा रही है। यहां के मुरेड़ी गांव की वंदना की आज फिर शादी होगी।

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वंदना के घरवाले क्षत्रिय महासभा के फैसले से काफी खुश हैं। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह परिहार ने मीडिया से कहा कि महासभा ने फिर से शादी को मान्यता देने का फैसला किया है। इस फैसले को सिर्फ बुंदेलखंड तक नहीं, देश और सारे प्रदेशों में लागू करने की पूरी कोशिश महासभा करेगा। महासभा ने विधवा विवाह को मंजूरी देने वाले प्रस्ताव में कहा है कि ऐसी कुरीतियों को खत्म करना जरूरी है। महासभा के जिला महामंत्री सूर्यपाल सिंह चौहान के मुताबिक कुरीतियां इतनी हावी हैं कि दूसरे घर से आई बेटियों को ससुराल में आम तौर पर अपमान और तिरस्कार झेलना पड़ता है। उन्होंने इसे असभ्यता का प्रतीक करार दिया।

ishwar chandra vidyasagar

भारत में विधवा विवाह को किसी समाज में पहले मंजूरी नहीं थी। बंगाल के प्रसिद्ध समाज सुधारक और शिक्षक ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने विधवा विवाह को मान्यता दिलाने की पहल की और अंग्रेजों से बात कर इस बारे में कानून भी बनवाया। विद्यासागर ने खुद एक विधवा युवती से शादी की थी। बंगाल के ही राजा राममोहन रॉय ने विधवा हुई युवतियों और महिलाओं को सती बनाने के खिलाफ आंदोलन कर कानून बनवाया था। जिसके बाद देश में सती प्रथा जैसी कुरीति का खात्मा हो सका। हालांकि, अपने इन कदमों की वजह से ईश्वर चंद्र विद्यासागर और राजा राममोहन रॉय को समाज के एक तबके के विरोध का सामना भी करना पड़ा था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और धीरे-धीरे ही सही, दो कुरीतियों पर लगाम भी लगी।