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VIDEO: गांधी परिवार के चहेते खड़गे की वजह से चुनाव लड़ने से डर रहे हैं थरूर? कांग्रेस नेता ने खुद बताई दिल की बात

वहीं, थरूर की बात करें तो वे जी-23 के नेताओं की जमात में शुमार रहे हैं। हालांकि, अब जी -23 के अधिकांश नेता पार्टी को गुडबॉय बोल चुके हैं, जिसके बाद अब इस संगठन का कई मतलब नहीं रह जाता है। अब जैसा कि इस बात को लेकर चर्चाओं का बाजार गुलजार था कि खड़गे गांधी परिवार के चहेते हैं, तो उनके चुनाव जीतने की संभावना प्रबल है।

नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त झेलने के बाद राहुल गांधी ने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद पार्टी कार्यकर्ताओं उन्हें मनाने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन वे अपने फैसले पर अडिग रहे। उन्होंने साफ कर दिया कि अब अध्यक्ष पद पर गैर- गांधी परिवार के सदस्य को ही बैठाया जाएगा। हालांकि, इस बीच लंबे समय तक बतौर अंतरिम अध्य़क्ष सोनिया गांधी ने पार्टी की कमान अपने हाथ में रखी, लेकिन अब आगामी लोकसभा सहित विभिन्न राज्यों के निर्धारित चुनावों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस को स्थायी अध्यक्ष की दरकार महसूस हो रही है, जिसे ध्यान में रखते हुए अब कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए बिगुल फूंका गया है।

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इसी कड़ी में चुनाव के लिए सारी तैयारियां मुकम्मल की जा चुकी हैं। प्रत्याशियों का ऐलान भी किया जा चुका है। नामांकन पत्र भी दाखिल किए जा चुके हैं। बस मतदान और नतीजों की घोषणा बाकी है। इस बीच आज नाम वापसी की आखिरी तारीख है। कांग्रेस की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे सहित शशि थरूर ने नामांकन दाखिल किया है। आइए पहले बात खड़गे की करते हैं। खड़गे के बारे में बताया जा जाता है कि वे गांधी परिवार की गुड बुक्स में शुमार हैं। खड़गे गांधी परिवार के चहेते और करीबी नेताओं की फेहरिस्त में शुमार हैं। जिसकी बानगी हमें उसी दिन देखने को मिल गई थी, जब बतौर प्रत्याशी खड़गे का नाम का ऐलान करने के बाद पार्टी के तकरीबन 30 नेताओं ने उनका समर्थन किया था। जिसके बाद कांग्रेस में चुनाव फिक्सिंग को लेकर भी बहस का बाजार गुलजार हो गया था। हालांकि, खड़गे की ओर से स्पष्ट किया जा चुका है कि वे गांधी परिवार द्वारा इस्तेमाल की गई कोई मशीन नहीं हैं, बल्कि कई फैसलों को लेकर वे खुद भी निजी रूप में स्वतंत्र हैं।

वहीं, थरूर की बात करें तो वे जी-23 के नेताओं की जमात में शुमार रहे हैं। हालांकि, अब जी -23 के अधिकांश नेता पार्टी को गुडबॉय बोल चुके हैं, जिसके बाद अब इस संगठन का कई मतलब नहीं रह जाता है। अब जैसा कि इस बात को लेकर चर्चाओं का बाजार गुलजार था कि खड़गे गांधी परिवार के चहेते हैं, तो उनके चुनाव जीतने की संभावना प्रबल है। कुल मिलाकर चुनाव फिक्सिंग को लेकर बहस जारी थी। इतना ही नहीं, बताया जा रहा था कि वे नामांकन भी वापिस ले सकते हैं और आज जब नामांकन वापिस लेने की आखिरी तारीख है, तो ऐसी स्थिति में उपरोक्त चर्चाओं की प्रासंगिकता और बढ़ जाती है, जिसे ध्यान में रखते हुए थरूर का बड़ा बड़ा बयान सामने आया है। आइए, आगे आपको बताते हैं कि आखिर उन्होंने क्या कुछ कहा है।

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इन्हीं सब चर्चाओं के बीच कांग्रेस नेता शशि थरूर का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि बहुत से लोग कह रहे कि मैं अपना नामांकन वापस ले लूंगा। लेकिन मैं साफ कर देना चाहता हूं कि मैं नामांकन वापस नहीं लूंगा। मैं अंत तक लड़ता रहूंगा और इसके साथ ही मैं सभी पार्टी नेताओं से गुजारिश करता हूं कि वे चुनाव वाले दिन आकर वोट करें। हमें मजबूत कांग्रेस के लिए एक मजबूत अध्यक्ष की दरकार है। ध्यान रहे कि थरूर जी-23 नेताओं के गुट में शुमार हैं, जो कई मौकों पर गांधी परिवार की नीतियों की मुखालफत कर चुका है, जिसे ध्यान में रखते हुए थरूर के नाम वापिसी को लेकर चर्चाओं का बाजार गुलजार हो जाना लाजिमी है, लेकिन अब उन्होंने जिस तरह से खुद सामने आकर अपनी राय पेश की है। उसे ध्यान में रखते हुए विषय की सार्थकता और बढ़ जाती है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में कांग्रेस की कमान किसे सौंपी जाती है। अध्य़क्ष पद के चुनाव में कौन बाजी मारता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम