लखनऊ। यूपी में दोबारा सत्ता हासिल करने के लिए विपक्ष को पटकनी देना जरूरी है और 2017 में सत्तारूढ़ हुई बीजेपी लगातार ऐसे कदम कदम उठा रही है। इन कदमों की कड़ी में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार एक और दांव चलने जा रही है। इस दांव से यूपी विधानसभा चुनाव जीतने का मंसूबा पाले विपक्षी दलों को पटकनी मिल सकती है। बता दें कि हाल में हुए सर्वे में बीजेपी के मुकाबले सपा ज्यादा तेज होती दिख रही है। साथ ही किसानों के मुद्दों को विपक्षी दल बीजेपी के खिलाफ इस्तेमाल कर रहे हैं। अब किसानों को सम्मान देकर बीजेपी विपक्ष को पटकनी देने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक योगी सरकार भी केंद्र की मोदी सरकार की तर्ज पर किसानों को सम्मान निधि दे सकती है। मध्यप्रदेश सरकार हर किसान को हर साल 8000 रुपए की सम्मान निधि अपनी तरफ से देती है।
पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी की किसान सम्मान निधि योजना के एलान का फायदा बीजेपी को हुआ था। अब यूपी के 2 करोड़ 42 लाख किसानों को योगी सरकार भी अपनी तरफ से सम्मान निधि दे सकती है। बताया जा रहा है कि हर साल किसानों को 3600 से 6000 रुपए तक देने का प्रस्ताव है। कल से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा और इसमें इसके लिए प्रावधान किया जा सकता है। कैबिनेट में 16 दिसंबर को इससे संबंधित बिल को मंजूरी मिल सकती है। सूत्रों के मुताबिक सरकार को फीडबैक मिला है कि छोटे और मझोले किसान बीजेपी के साथ हैं। ऐसे में इनके लिए सम्मान निधि का फैसला चुनावों में बीजेपी को फायदा दिला सकता है।
बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले लघु और सीमांत किसानों के लिए हर साल 6000 रुपए के सम्मान निधि का एलान किया था। इस योजना से मोदी सरकार दोबारा बड़े बहुमत से केंद्र में आ गई। बीते दिनों कृषि कानूनों के मुद्दे पर किसान बीजेपी से नाराज हुए। ऐसे में मोदी ने कृषि कानून वापस ले लिए। किसान सम्मान निधि से छुट्टा जानवरों से फसल खराब होने और खेती की बढ़ती लागत से परेशान किसानों को फायदा होगा। इसी को ध्यान में रखकर योगी सरकार अपनी तरफ से किसानों को निधि देने की तैयारी कर रही है। अगर हर साल 6000 रुपए देने का फैसला हुआ, तो यूपी के किसानों को हर साल केंद्र और राज्य सरकार की ओर से निधि के तौर पर 12000 रुपए मिल सकेंगे।