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CM Yogi: योगी विकास का मॉडल: अब 100 आकांक्षात्मक विकासखंडों का होगा कायाकल्प

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि आकांक्षात्मक विकास खंडों की सतत मॉनीटरिंग और वास्तविक स्थिति के सटीक आंकलन के लिए आईआईटी कानपुर और आईआईएम लखनऊ के विद्यार्थियों का सहयोग लिया जाना चाहिए। राज्य सरकार के प्राविधिक एवं तकनीकी विश्वविद्यालयों/संस्थानों के छात्रों को भी इससे जोड़ा जाए।

नई दिल्ली। योगी सरकार आकांक्षात्मक जनपदों के विकास के बाद आकाक्षांत्मक विकासखंडों का विकास करने जा रही है। सरकार ने इसके लिए विकासखंडों का चयन कर लिया गया है। सरकार इन ब्लाकों का समग्र विकास कराएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को उच्चस्तरीय बैठक में इस बाबत अधिकारियों को निर्देश दिए। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आकांक्षात्मक जनपदों की तर्ज पर ही सबसे पिछड़े 100 आकांक्षात्मक विकासखंडों के चयन कर इनके सामाजिक आर्थिक सुधार के लिए विशिष्ट प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास तथा आधारभूत संरचना के विविध मानकों पर इन आकांक्षात्मक विकासखंडों के समग्र विकास के प्रयास किए जाएं। विकास इंडिकेटर में बीसी सखी, ग्राम सचिवालय, अमृत सरोवर जैसे दूरगामी परिणामदायक प्रयासों को भी सम्मिलित किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि मार्च 2022 को बेसलाइन मानते हुए चयनित इंडिकेटर पर ब्लॉकवार अद्यतन सूचना वर्तमान माह के अंत तक एकत्रित कर ली जाए। इसके बाद हर माह की 15 तारीख तक संबंधित जिलों द्वारा अद्यतन प्रगति विवरण फीड की जाए। इसकी पुष्टि सम्बंधित विभागों द्वारा भी कराई जाए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि आकांक्षात्मक विकास खंडों की सतत मॉनीटरिंग और वास्तविक स्थिति के सटीक आंकलन के लिए आईआईटी कानपुर और आईआईएम लखनऊ के विद्यार्थियों का सहयोग लिया जाना चाहिए। राज्य सरकार के प्राविधिक एवं तकनीकी विश्वविद्यालयों/संस्थानों के छात्रों को भी इससे जोड़ा जाए। सीएम ने कहा कि आकांक्षात्मक विकास खंडों में तैनात होने वाले ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (बीडीओ) को अन्यत्र किसी और ब्लॉक का अतिरिक्त प्रभार न दिया जाए। इन क्षेत्रों में अपेक्षाकृत युवा, ऊर्जावान और विजनरी अधिकारियों की तैनाती की जानी चाहिए। उन्होंने संबंधित एसडीएम को इस विकास खंड का नोडल अधिकारी नामित करने का निर्देश दिया और कहा कि यह नोडल अधिकारी विकास खंड में होने वाले विकास कार्यों, उपलब्ध कराए जा रहे डेटा की शुचिता और वास्तविकता के प्रति जवाबदेह होगा।

मुख्यमंत्री प्रदेश के 08 आकांक्षात्मक जनपदों में किए जा रहे विकास कार्यों के प्रति संतोष जताया और कहा कि नीति आयोग द्वारा चिन्हित प्रदेश के 08 आकांक्षात्मक जनपदों (बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, चंदौली, फतेहपुर, चित्रकूट, बहराइच और श्रावस्ती) में विकास के सभी मानकों पर सराहनीय कार्य किया जा रहा है। नीति आयोग द्वारा सतत रियल टाइम मॉनीटरिंग डैशबोर्ड (चैंपियन ऑफ चेंज) के अनुसार जारी रैंकिंग में इन जिलों ने अच्छा स्थान प्राप्त किया है। देश के कुल 112 आकांक्षात्मक जिलों में सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने वाले जिलों की नवीनतम सूची में हमारे 05 जिले शीर्ष 10 में शामिल हैं। बलरामपुर प्रथम स्थान पर है। उन्होंने आधिकारियों को निर्देश दिया कि आकांक्षात्मक जिलों के तय विकास मानकों के सम्बंध में अद्यतन स्थिति का सतत आकलन किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि डेटा सटीक हो, त्रुटिरहित हो और सही स्थिति को परिलक्षित करता हो। डेटा की जांच के लिए स्वतंत्र एजेंसी/संस्थाओं का सहयोग लेने पर भी विचार किया जाए।