newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

योगी सरकार ने तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयार किया चक्रव्यूह, अपनाई जा रही प्रो-एक्टिव नीति

Corona Third Wave: कोरोना प्रबंधन में निगरानी समितियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। ऐसे में अब तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने इन समितियों को विशेष जिम्मेदारी सौंपी है।

लखनऊ। प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाने के बाद योगी सरकार ने तीसरी लहर से निपटने के लिए चक्रव्यूह तैयार कर लिया है। राज्यस्तरीय स्वास्थ्य परामर्श समिति ने तीसरी लहर को ध्यान में रख्रते हुए अपनी रिर्पोट यूपी सरकार को सौंप दी है। प्रदेशवासियों को कोरोना की तीसरी लहर से बचाने के लिए सरकार ने हर जिले की सुरक्षा के लिए चक्रव्यूह तैयार कर लिया है। मुख्यमंत्री यागी आदित्यनाथ ने महामारी से बचाव और इलाज के संबंध में राज्यस्तरीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ परामर्श समिति की संस्तुतियों पर गंभीरता से काम करने के निर्देश दिए हैं। कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर और संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिए सभी जिलों में पूरी सक्रियता से सरकार ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने स्वच्छता, सैनिटाइजेशन, पीकू नीकू और मेडिकल मेडिसिन किट इस चक्रव्यूह का हिस्सा बनाया है। प्रदेश में युद्ध्स्तर पर पीकू नीकू की स्थापना और मेडिकल मेडिसिन किट के वितरण की व्यव्स्थाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। जून के अंत तक प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में 100 बेड वाले पीकू नीकू और सीएचसी और पीएचसी में 50 नए बेड की व्यवस्था कर दी जाएगी।

Corona

27 जून से घर-घर वितरित की जाएंगी दवाएं

कोरोना की तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने बच्चों की स्वास्थ्य, सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से घर-घर मेडिकल किट वितरण का विशेष अभियान शुरू किया है। जिसके तहत 27 जून से दवाएं घर-घर वितरित की जाएंगी। गांव से लेकर शहर तक प्रत्येक गली-कूचे और घर-घर तक पहुंच बनाने वाली निगरानी समितियों ने सरकार की योजनाओं का लाभ प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने का बड़ा काम किया है। यही कारण भी है कि सरकार ने मेडिकल किट वितरण की जिम्मेदारी भी निगरानी समिति के सदस्यों को सौंपी है। तीसरी लहर का डट कर मुकाबला करने के लिए प्रदेश की 3011 पीएचसी और 855 सीएचसी को सभी अत्याधुनिक संसाधनों से लैस किया गया है। मेडिकल-किट में उपलब्ध दवाईयां कोविड-19 के लक्षणों से बचाव के साथ 18 साल से कम उम्र के बच्चों का मौसमी बीमारियों से भी बचाएंगी। तीसरी लहर से बचाव के लिए सरकार ने प्रदेश में 75000 निगरानी समितियों को जिम्मेदारी सौंपी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल मेडिसिन किट के वितरण को गति देने के लिए 60 हजार से अधिक निगरानी समितियों के चार लाख से अधिक सदस्यों को लगाया गया है।

Vaccine trial

प्रत्येक जरूरतमंद तक पहुंचेगी योगी सरकार की मदद

कोरोना प्रबंधन में निगरानी समितियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। ऐसे में अब तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने इन समितियों को विशेष जिम्मेदारी सौंपी है। गांवों में भ्रमण करते समय निगरानी समितियां यह भी सुनिश्चित करेंगी कि कोई जरूरतममंद राशन से वंचित न रहे।

तीसरी लहर से बचाव के लिए अपनाई जा रही प्रो-एक्टिव नीति
प्रदेश में विशेषज्ञों के आंकलन के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के संबंध में योगी सरकार प्रो-एक्टिव नीति अपना रही है। सभी मेडिकल कॉलेजों में पीआईसीयू और एनआईसीयू की स्थापना को तेजी से पूरा किया जा रहा है।