नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उत्तर प्रदेश में हुए विरोध प्रदर्शनों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के आपराधिक मामलों में शामिल होने का आरोप है। इसी के चलते यूपी की योगी सरकार ने पीएफआई के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। बता दें कि यूपी पुलिस ने पीएफआई के 25 सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनपर आरोप है कि वे सभी आपराधिक गतिविधियों में शामिल थे। ये सभी गिरफ्तारियां राज्य के अलग-अलग हिस्सों से हुई है। गौरतलब है कि चरमपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का नाम इन दिनों चर्चा में है।
उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भड़की हिंसा में पीएफआई का नाम प्रमुखता से सामने आया था। पीएफआई 2006 में केरल में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (एनडीएफ) के मुख्य संगठन के रूप में शुरू हुआ था। इससे पहले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को बैन करने का उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भेजा था। गृह मंत्रालय ने इस पत्र को स्वीकार भी कर लिया था।
इसको लेकर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के लिए मंगलवार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि जल्द ही सरकार इस संस्था पर प्रतिबंध लगाएगी। केशव ने कहा कि “हिंसा के पीछे पीएफआई का हाथ था। सिमी के लोगों ने इस संगठन में शामिल होकर हिंसा फैलाई। सरकार की तरफ से इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।”
Praveen Kumar, IG (Law & Order), Uttar Pradesh: 25 persons affiliated with Popular Front of India (PFI) have been arrested across the state, for their involvement in different criminal activities. pic.twitter.com/1ztLLpAvBX
— ANI UP (@ANINewsUP) January 1, 2020
बता दें कि इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय खुफिया एजेंसियों और एनआईए से इनपुट ले सकता है। इसके साथ ही गृह मंत्रालय पिछले कुछ महीनों में पीएफआई से जुड़ी गतिविधियों की समीक्षा करेगा। दरअसल देश की कई जांच एजेंसियों को शक है कि देशभर में सीएए और NRC के नाम पर हुए हिंसक प्रदर्शन में पीएफआई से जुड़े लोग शामिल थे। मल्टी एजेंसी सेंटर ( MAC) की रिपॉर्ट के मुताबिक PFI से जुड़े लोगों ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मीटिंग की थी।
हालांकि इसको लेकर पीएफआई ने यूपी पुलिस के आरोपों को खारिज किया है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव एम मुहम्मद अली जिन्ना ने कहा है कि यूपी पुलिस ने संगठन पर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। देश ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ स्वतंत्रता के बाद सबसे बड़े लोकप्रिय आंदोलन में से एक देखा।