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जल संरक्षण आज समय की मांग, योगी सरकार जल्द लाएगी वर्षा जल संचयन कानून : जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह

Water Harvesting Law: डॉ महेंद्र सिंह ने कहा कि जल संरक्षण के साथ ही शुद्ध पेयजल की उपलब्धता भी सरकार की तरफ से सुनिश्चित की जा रही है। हमने खेत ताल योजना शुरू की है। हर घर नल योजना बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के लिए शुरू हो चुकी।

गोरखपुर। गुरुवार को यूपी के जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने पानी की महत्ता को लेकर कहा कि जल का संरक्षण आज के समय की मांग है। उन्होंने कहा कि जल ही जीवन है। जल ही शांति है और जल ही भविष्य है। इसलिए हमें पानी की हर एक बूंद को बचाना चाहिए और ये जरूरी है। उन्होंने कहा कि, प्रदेश सरकार वर्षा जल संचयन के लिए जल्द ही कानून लाएगी। पानी की सहज उपलब्धता रहेगी तो खेत की उपज भी बढ़ जाएगी। डॉ सिंह ने गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में गुरुवार की शाम को नियोजन विभाग और गोरखपुर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पूर्वांचल के सतत विकास, मुद्दे, रणनीति और भावी दिशा विषयक राष्ट्रीय वेबिनार व संगोष्ठी में जल क्षेत्र के प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता की।

Mahendra Singh UP Minister pic

उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के साथ ही शुद्ध पेयजल की उपलब्धता भी सरकार की तरफ से सुनिश्चित की जा रही है। हमने खेत ताल योजना शुरू की है। हर घर नल योजना बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के लिए शुरू हो चुकी। जल्द ही पूर्वांचल सहित अन्य क्षेत्रों में भी इसका विस्तार होगा। हमारा प्रयास है कि खेत का पानी खेत में और छत का पानी धरती में समा जाए। पूर्वांचल में जेई और एईएस जैसी बीमारियां नहीं होतीं अगर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था पहले की गई होती।

Mahendra Singh UP Minister

जल शक्ति मंत्री ने कहा कि इस संगोष्ठी में मंथन से जो निष्कर्ष निकलेगा, उस पर राज्य सरकार निर्णय लेकर अच्छा कार्य करेगी। इस तकनीकी सत्र में मुख्य वक्ता जल शक्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव टी वेंकटेश ने जल संसाधन प्रबंधन, चुनौतियां व समाधान विषय पर वक्तव्य दिया। सत्र में 2030 वाटर रिसोर्स ग्रुप के वरिष्ठ सलाहकार डॉ अनिल सिन्हा, गोरखपुर विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के प्रो एसएस वर्मा, बीएबीयू लखनऊ के डॉ वेंकटेश दत्ता, गोरखपुर विश्वविद्यालय के समाज शास्त्र विभाग के डॉ प्रकाश प्रियदर्शी ने भी जल क्षेत्र की समस्या व प्रबंधन के लिए रणनीति व भावी नीति पर चर्चा की। सत्र की सह अध्यक्षता गोरखपुर विश्वविद्यालय के बायो टेक्नोलॉजी विभाग के प्रो शरद मिश्रा ने की।