लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सियासत में धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर एक बड़ा मुद्दा बन चुके हैं। पहले भी धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का अभियान योगी सरकार द्वारा चलवाया गया था और अब एक बार फिर यूपी में धर्मस्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का अभियान शुरू हो सकता है। इसके साथ ही नशे की आदत वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी तेजी से कार्रवाई हो सकती है। सीएम ने शुक्रवार की देर शाम लखनऊ के पांच कालीदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जोन, रेंज और जिला स्तर के अधिकारियों के साथ राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करते हुए कई निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में जिलों के दौरों के समय मैंने अनुभव किया है कि कुछ जिलों में धर्मस्थलों पर पुन यह लाउडस्पीकर लगाए जा रहे हैं। यह स्वीकार्य नहीं है। तत्काल संवाद कर आदर्श परिस्थिति निर्मित की जाए।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों से क्रिसमस के मौके पर शांति व्यवस्था सुनिश्चित करने और साथ ही कहीं भी धर्मांतरण की घटना न होने देने की हिदायत दी। धर्म स्थलों पर लाउडस्पीकर का मुद्दा उठाते हुए सीएम योगी ने कहा कि कुछ महीने पहले सहज संवाद के माध्यम से हमने धर्मस्थलों से लाउडस्पीकर हटाये जाने का अभूतपूर्व काम किया था। लोगों ने व्यापक जनहित को प्राथमिकता देते हुए स्वतः लाउडस्पीकर हटाये थे। इसकी पूरे देश में सराहना हुई थी। अब कुछ जिलों में फिर से ये लाउडस्पीकर लगाए जा रहे हैं, यह स्वीकार्य नहीं है। तत्काल संपर्क-संवाद कर आदर्श स्थिति बनाई जाए। बता दें कि इसी साल अप्रैल महीने में योगी सरकार ने बड़े पैमाने पर धर्म स्थलों से लाउडस्पीकर उतारने की बड़ी कार्रवाई करवाई थी।
इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिसकर्मियों की तैनाती के सवाल पर कहा कि नशे की आदत वाले पुलिसकर्मियों को किसी भी स्थिति में फील्ड तैनाती नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की पहचान कर उनकी सेवाएं खत्म कर दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अवैध शराब का निर्माण, खरीद और बिक्री की एक भी घटना नहीं होनी चाहिए। इसके लिए ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने पुख्ता सूचना जुटाकर अवैध शराब के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई करने का आदेश भी दिया।