लखनऊ। कोविड महामारी के बीच योगी सरकार ने प्रदेश में गेहूं की बंपर खरीद करके नया कीर्तिमान तैयार किया है। इस साल मात्र 22 दिनों में ही योगी सरकार ने पिछले साल के मुकाबले चार गुना से अधिक किसानों से गेहूं खरीद की है। कुल 99 हजार 935 किसानों से गेहूं खरीद लिया गया है। इसके बदले उनके खातों में 1035 करोड रुपये का भुगतान कराकर बड़ी राहत दी गई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल आज की तारीख तक केवल एक चौथाई किसानों के खातों में ही गेहूं खरीद का भुगतान पहुंचा पाया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के लिये गेहूं खरीद की व्यवस्था को सरल, सुविधाजनक और पारदर्शी बनाकर उनको विश्वास दिला दिला दिया है कि सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी हुई है। सरकार के प्रयासों को देखकर किसान भी बढ़-चढ़ कर वर्तमान व्यवस्था का हिस्सा बन रहे हैं। एक अप्रैल से प्रदेश में शुरू की गई गेहूं खरीद की व्यवस्था में मात्र 22 दिनों में गेहूं खरीद का आंकड़ा 52.40 लाख क्विंटल पहुंच गया है। जो पिछले साल 12.50 लाख क्विंटल ही था।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए तय किया है कि जब तक किसान गेहूं लेकर खरीद केंद्र पर आते रहेंगे तब तक गेहूं खरीद होती रहेगी। सरकार की नई-नई योजनाओं ने किसानों को मजबूत बनाने का काम किया है। चार साल के कार्यकाल में राज्य सरकार ने 33 लाख से ज्यादा गेहूं किसानों की फसल के लिए रिकार्ड 29017.45 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। योगी सरकार ने चार साल में प्रदेश के धान और गेहूं किसानों को अब तक के सबसे अधिक भुगतान का रिकार्ड बनाया है।
पहली बार मंडियों में अत्याधुनिक सुविधाओं का किसानों को मिला फायदा
गेहूं खरीद में क्रांति लाते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंडियों में न केवल पहली बार अत्याधुनिक सुविधाओं को बढ़ाया है। किसानों के लिये मंडियों में पानी, बैठने के लिये छायादार व्यवस्था और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के सख्त निर्देश भी दिये हैं। इन निर्देशों का सख्ती से पालन कराया जा रहा है।
किसानों से उनके खेत के 10 किमी के दायरे में खरीदा जा रहा गेहूं
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पहली बार किसानों को उनके खेत के 10 किमी के दायरे में गेहूं खरीदकर उनकी दिक्कतों को भी कम करने का काम किया गया है। पहले किसानों को गेहूं को बेचने के लिये काफी दूर का सफर तय करना पड़ता था। गेहूं को ले जाने के लिये परिवहन सेवाओं में भी उनका अधिक धन खर्च हो जाता था।
ई-पॉप मशीनों ने लाई गेंहू खरीद में नई क्रांति, कम हुई धांधली
उत्तर प्रदेश सरकार ने गेंहू खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए ई-पॉप मशीनों का इस्तेमाल कर क्रांति लाने का काम किया। इस व्यवस्था से गेहूं खरीद में धांधली और गड़बड़ी की आशंका पूरी तरह से समाप्त हो गई। किसानों को उनके अनाज के हर दाने का भुगतान उनके खातों में मिलना शुरू हो गया।
हर दिन गेहूं खरीद में उत्तर प्रदेश सरकार बना रही नया कीर्तिमान
उत्तर प्रदेश की सरकार की एक एक अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू की है। 12 अप्रैल तक जहां एक लाख मैट्रिक टन गेहूं खरीद का रिकार्ड टूटा था। वहीं 22 दिनों में सरकार ने 52.40 लाख क्विंटल खरीद कर नया इतिहास बनाने का काम किया है। किसानों को भुगतान के मामले में योगी सरकार ने पिछली सरकारों को बहुत पीछे छोड़ दिया है। आंकड़ों के मुताबिक योगी सरकार ने चार साल के कार्यकाल में 3345065 किसानों से कुल 162.71 लाख मी. टन गेहूं की खरीद की । प्रदेश में सबसे ज्यादा 24256 क्रय केंद्रों के जरिये खरीदे गए गेहूं के लिए राज्य सरकार ने किसानों को कुल 29017.71 करोड़ रुपये का रिकार्ड भुगतान किया है।
एफपीओ को गेहूं खरीद का पहली बार दिया तोहफा
योगी सरकार पहले ही कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) को गेहूं खरीद का खास तोहफा दिया है। प्रदेश के 150 से अधिक गेहूं केंद्रों पर एफपीओ खरीद प्रक्रिया का हिस्सा बने हैं। कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) को गेहूं खरीद में शामिल करने से गेहूं खरीद की प्रक्रिया में प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा मिला है।
मंडियों में कोविड प्रोटोकाल का सख्ती से कराया जा रहा पालन
उत्तर प्रदेश की सरकार ने खरीद केंद्रों पर ऑक्सीमीटर, इफ्रारेड थर्मामीटर की व्यवस्था उपलब्ध कराने के निर्देश भी अफसरों को दिए हैं । खरीद केंद्रों पर पहुंचने वाले हर किसान का तापमान चेक किया जा रहा है। किसानों को पीने का स्वच्छ पानी, बैठने के लिये छायादार व्यवस्था भी की गई है।