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UP: यूपी विधानसभा चुनाव में पिछड़े वोटों की जंग में योगी सरकार चलेगी नया दांव, जानिए कौन देगा किसे मात

UP Assembly Elections: सूत्रों के अनुसार यूपी राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग पिछड़ों की 36 उप जातियों को ओबीसी में शामिल कराने का कदम उठाएगा। इसके लिए जल्दी ही आयोग उप जातियों का सर्वे कराकर सीएम योगी आदित्यनाथ को अपनी सिफारिश भेजने वाला है।

लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) में महज 6 महीने का वक्त रह जाने की वजह से सारी पार्टियां अपने दांव चल रही हैं। इन्हीं दांव में एक है पिछड़ों के वोट हासिल करने की तिकड़म। सपा और बीएसपी इस जंग में कूद पड़ी हैं। वहीं, बीजेपी चुपचाप इस मामले में अपनी चाल चल रही है। एक तरफ 227वां संविधान संशोधन करके वह राज्यों को पिछड़ी जातियों की लिस्ट तैयार करने का हक देने जा रही है। वहीं, यूपी में पिछड़ों की 36 उप जातियों को ओबीसी की सूची में शामिल कराने की तैयारी तेजी से आगे बढ़ रही है। सूत्रों के अनुसार यूपी राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग पिछड़ों की 36 उप जातियों को ओबीसी में शामिल कराने का कदम उठाएगा। इसके लिए जल्दी ही आयोग उप जातियों का सर्वे कराकर सीएम योगी आदित्यनाथ को अपनी सिफारिश भेजने वाला है। इस सिफारिश को सरकार मान ले, तो 36 उप जातियों को भी 27 फीसदी रिजर्वेशन मिलने लगेगा। जिसके वे अब तक हकदार नहीं हैं।

CM yogi

सूत्रों के अनुसार जिन 36 उप जातियों को ओबीसी लिस्ट में शामिल कराने की तैयारी है, उनमें भूर्तिया, अग्रहरि, दोसर वैश्य, जैसवार राजपूत, रूहेला, मुस्लिम शाह, मुस्लिम कायस्थ, हिन्दू कायस्थ, बर्नवाल, कमलापुरी वैश्य, कोर क्षत्रिय राजपूत, दोहर, अयोध्यावासी वैश्य और केसरवानी वैश्य हैं। इनके अलावा बागवान, ओमर बनिया, माहौर वैश्य, हिंदू भाट, भट्ट, गोरिया, बोट, पंवरिया, उमरिया, नोवाना, मुस्लिम भाट, विश्नोई, खार राजपूत, पोरवाल, पुरुवार, कुंदेर खरादी, बिनौधिया, वैश्य, सनमाननीय वैश्य, गुलहरे वैश्य, गधईया, राधेड़ी और पिठबज उप जातियों को भी ओबीसी मानकर उन्हें रिजर्वेशन की सुविधा दी जाएगी।

yogi adityanath

इन उप जातियों को 227वें संविधान संशोधन से मिलने जा रहे अधिकार के बाद योगी सरकार ओबीसी में शामिल कर चुनाव से पहले विपक्ष के सामने जबरदस्त दांव चल सकती है। यूपी में पिछड़े वर्ग के वोटर करीब 40 फीसदी हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में इनके करीब 60 फीसदी वोट बीजेपी ने हासिल किए थे। अब 36 उप जातियों को ओबीसी में शामिल करके वह सपा और बीएसपी समेत कई और पार्टियों की नींद हराम कर सकती है।