नई दिल्ली। विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक (Zakir Naik) पर केंद्र की मोदी सरकार ने शिकंजा कसा है। सरकार ने जाकिर नाईक के खिलाफ एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने जाकिर नाईक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) पर बड़ा एक्शन लिया है। दरअसल गृह मंत्रालय ने जाकिर नाईक के संगठन पर लगाए गए प्रतिबंध को 5 साल के लिए बढ़ा दिया है। नाईक पर भारत में अभद्र भाषा के साथ-साथ धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के आरोप लगे हैं। आपको बता दें कि जाकिर नाईक के NGO आईआरएफ को पहली बार साल 2016 को केंद्र सरकार द्वारा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून, 1967 (1967 का 37) के तहत एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया था।
गृह मंत्रालय द्वारा इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) पर एक बार फिर यूएपीए ( Unlawful Activities Prevention Act: UAPA) के तहत बैन किया गया है। मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि एनजीओ उन गतिविधियों में शामिल है, जो देश की सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं, जिनमें शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने और देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को खराब करने की क्षमता है।
गौरतलब है कि विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक करीब 4 सालों से मलेशिया में रह रहा है। इतना ही नहीं भगोड़ा जाकिर नाईक भारत के खिलाफ लगातार विवादित भाषण भी देता आ रहा है। ज्ञात हो कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में कट्टरपंथियों की बेकाबू भीड़ ने हिंदुओं के एक मंदिर को तोड़कर उसमें आग लगा दी। जाकिर नाईक ने इस घटना का खुलकर समर्थन किया था।