नई दिल्ली। कोलकाता के रेयांश दास के एक कारनामे ने पूरी दुनिया को चौका दिया है। दरअसल, रेयांश दास ने महज 10 साल की उम्र में खगोल भौतिकी पर एक पूरी किताब लिखकर सबको हैरानी में डाल दिया है। रेयांश दास की इस किताब का नाम है ‘द यूनिवर्स: द पास्ट, द प्रेजेंट एंड द फ्यूचर’। ये किताब विज्ञान और खगोल भौतिकी के महत्व के बारे में बताती है। इस किताब में वैसे तो कई विषयों पर चर्चा की गई है। लेकिन इन्हीं में से एक है तारा जो कि ब्रह्मांड से भी पुराना हो सकता है। बिग बैंग सिद्धांत, एक सिद्धांत है जो ये कहता है कि ब्रह्मांड कई हैं, ब्रह्मांड में प्रकाश या अंतरिक्ष में से सबसे तेज कौन सी चीज है, समय का फैलाव कैसे होता है, संभव बहुविविध सिद्धांत क्या है, अल्बर्ट आइंस्टीन और आइजैक न्यूटन के सिद्धांतों के बीच अंतर क्या है, ब्रह्मांड का भविष्य क्या है, सितारों का जीवन चक्र कैसे चलता है, सौर मंडल में ग्रहों की दशा और दिशा कैसी होती है, तारकीय अवशेष के बारे में कैसे मालूम पड़े, वक्रता का सिद्धांत, अंत और हमारे ब्रह्मांड की संरचना के बीच संबंध, डार्क मैटर और डार्क एनर्जी क्या है, स्पेसटाइम को कैसे देखें और इसके अलावा बहुत कुछ इस किताब में समायोजित है ।
वहीं इस किताब को लेकर रिसर्च स्कॉलर नंदिता राहा ने कहा है कि अंतरिक्ष और उनकी पुस्तक सामग्री को लेकर रेयांश का विचार बिल्कुल स्पष्ट और अच्छा था। भौतिक विज्ञानी भी रेयांश दास की इस किताब से हैरान हैं।
Reyansh Das from Kolkata has startled the entire world by authoring a whole book on Astrophysics just at the age of 10
The book titled ‘The Universe: The Past, The Present And The Future’ talks about the importance of science and astrophysics
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— Hindustan Times (@htTweets) July 30, 2021
वहीं रेयांश ने अपने बारे में बताते हुए कहा कि वो सिर्फ 5 साल का था तभी से इसपर सोच-विचार किया करता था कि सितारों, आकाशगंगाओं और ब्रह्मांड से परे क्या पसंद है। रेयांश का कहना है, “मैं रात में आकाश को देखता और अपने आप से पूछता- प्रकाश के वे बिंदु क्या हैं? वे कैसे बने? और मैं यहां क्यों हूं?”
अपनी इन्हीं जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए उन्होंने अलग-अलग खगोलीय किताबों को पढ़ना शुरू किया और कई अंतरिक्ष से जुड़े वीडियो भी देखे। वहीं इसपर रेयांश की मां सोहिनी का कहना “उन्होंने 5 साल की उम्र में अपने टैब के साथ खेलना शुरू कर दिया था और अंतरिक्ष में रुचि लेना शुरू कर दिया था। उस उम्र में, उन्होंने भौतिकी के सिद्धांतों के बारे में बात करना शुरू कर दिया था। चूंकि हमें फिजिक्स की ज्यादा समझ नहीं थी, इसलिए हम उन्हें फिजिक्स के एक्सपर्ट के पास ले गए और उन्होंने हमें बताया कि वह जो भी समझा रहा था वह सही था।”
रेयांश की मां सोहिनी शहर के एक एनजीओ में कार्यरत है। उन्होंने रेयांश को अकेले ही पाला हालांकि सोहिनी इससे काफी आनंदित हैं। सोहिनी का कहना है कि रेयांश हमेशा अपने जीवन के सकारात्मक पक्षों को देखता है।
रेयांश की मां सोहिनी ने आगे कहा, “ज्ञान की लालसा भीतर से आती है और एक बहुत ही प्रारंभिक अवस्था से, रेयांश ने अपनी खोज खुद ही शुरू कर दी थी। कभी-कभी मैं वास्तव में उत्सुक हो जाती हूं, लेकिन फिर वह आम तौर पर अपने प्रश्नों को स्वयं ही बताता है और मैं उसे उस पर प्रोत्साहित करती हूं। इसके अलावा, वह मेरे भाई के साथ बहुत सी चीजों पर चर्चा करता है। ”
रेयांश का इस किताब को लेकर कहना है कि “मैंने यह पुस्तक मेरे पास मौजूद ज्ञान को फैलाने के लिए लिखी है। रेयांश का कहना है कि हमें अपनी सभ्यता को बचाए रखने के लिए विभिन्न ग्रहों तक पहुंचने और नई तकनीकों का निर्माण करने की आवश्यकता है। अन्यथा, हम ग्लोबल वार्मिंग या बाढ़ से नष्ट हो जाएंगे। ” लॉकडाउन के दौरान रेयांश भी घर में ही रहे। रेयांश का लॉकडाउन को लेकर कहना है, मुझे स्कूल की काफी याद आती है।
गणित पर होगी दूसरी किताब
अब रेयांश अपनी दूसरी किताब लिखने के लिए तैयार हैं। रेयांश की ये किताब गणित पर होगी। अपने भविष्य के प्रयासों के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, “कुछ ऐसे पेशे हैं जो मुझे पसंद हैं लेकिन अब तक मेरा पसंदीदा पेशा एक अंतरिक्ष यात्री का रहा है क्योंकि तब मैं खुद को भी अधिक अंतरिक्ष के बारे में पता लगा सकता हूं और कौन जानता है कि मुझे एक नया ग्रह भी मिल सकता है। मैं मंगल और चंद्रमा पर मानव उपनिवेश बनाना चाहता हूं। लेकिन सरकार वास्तव में ऐसा नहीं करेगी इसलिए मुझे लगता है कि जब मैं बड़ा हो जाऊंगा तो मामलों को अपने हाथ में ले लूंगा।”