नई दिल्ली। साल का आखिरी महीना दिसंबर चल रहा है। इस महीने के आते ही लोगों में एक्साइटमेंट बढ़ जाती है। लोगों के पास इस महीने (दिसंबर) जश्न मनाने के दो मौके होते हैं पहला क्रिसमस और दूसरा न्यू ईयर…अब जब दिसंबर का महीना चल रहा है और 25 दिसंबर को पूरी दुनिया में क्रिसमस मनाया जाता है तो बाजारों में भी इसे लेकर रौनक दिखने लगी है। बाजारों में तरह-तरह की लाइट, गिफ्ट, घर पर सजाने के लिए क्रिसमस ट्री सभी दिखने लगे हैं।
आप में से भी बहुत से लोग क्रिसमस के दिनों में अपने घर पर लगाने के लिए आर्टिफिशियल ट्री लाते होंगे। इन पर लटकाने के लिए भी चीजें लेते होंगे। आपने देखा होगा कि बाजारों में तरह-तरह के रंग-बिरंगे मोजे भी मिलते हैं जिन्हें लोग अपने घरों में लगाने के लिए इस्तेमाल करते हैं लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर क्यों क्रिसमस के मौके पर लोग अपने मोजे भी लटकाते हैं।
काफी दिलचस्प है मोजे लटकाने की कहानी
क्रिसमस पर मोजे लटकाने के पीछे की कहानी काफी रोचक है। कहा जाता है एक पिता जिसकी तीन बेटियां थी वो काफी गरीब था। तीन बेटियां होने के कारण वो काफी परेशान था कि कैसे उनकी शादी होगी। ऐसे में जब कुछ समय बाद क्रिसमस का त्योहार आया तो उन बेटियों ने प्रभु यीशु से सच्चे मन से प्रार्थना की और मदद के लिए कहा। इसके बाद सभी क्रिसमस ट्री को सजाते हैं सोने चली जाती हैं। बेटियों की प्रार्थना सुन सैंट निकोलस उनके घर की छत पर आते हैं और सर्द रात में चिमनी में एक सोने से भरी थैली डालकर चले जाते हैं। सैंट निकोलस जो थैली डालते हैं वो घर में लगी चिमनी के पास रखे हुए एक मोजे में जा गिरती है।
बाद में जब गरीब पिता मोजे में पड़ी थैली को देखता है तो काफी खुश हो जाता है और अपनी सभी बेटियों की धूम-धाम से शादी करता है। उसी दिन से घरों में क्रिसमस के दिन मोजा सजाए जाने की परंपरा शुरू हो गई। अब सभी लोग क्रिसमस पर अपने घरों को सजाते हैं और मोजा भी लटकाते हैं ताकी भगवान उनकी इच्छा पूरी करे।