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Wasim Akram: कभी नशे की लत का शिकार हुए थे पाक पूर्व क्रिकेटर वसीम अकरम, खाना-पीना छोड़ सिर्फ करते थे नशीली पार्टियां

Wasim Akram: इस बात का जिक्र अकरम ने अपनी किताब सुल्तान: ए मेमॉयर में किया है जिसे द टाइम्स में प्रकाशित किया गया है। सुल्तान: ए मेमॉयर में अकरम ने अपनी निजी जिंदगी के राज खोले हैं।उन्होंने किताब में लिखा है-रिटायरमेंट के बाद उन्हें कोकीन की लत लग गई थी

नई दिल्ली। पाक पूर्व क्रिकेटर वसीम अकरम का नाम विश्व के बेहतरीन तेज गेंदबाजों के तौर पर याद किया जाता है। अच्छा से अच्छा बल्लेबाज उनकी बॉलिंग के सामने घुटने टेक देता था। जब तक वसीम अकरम मैदान में रहे तो खिलाड़ी उनके ओवर खत्म होने का इंतजार करते थे, हालांकि बीते काफी सालों से खेल के मैदान को अलविदा कहकर वसीम अकरम अपनी निजी जिदंगी जी रहे हैं। अब पूर्व क्रिकेटर ने ऐसा चौंकाने वाला खुलासा किया है जिसे सुनकर उनके फैंस के होश उड़ जाएंगे। क्रिकेटर ने खुद इस बात को कबूला है कि एक समय ऐसा आ गया था, जब वो ड्रग्स के आदी हो गए थे।

किताब में किया खुलासा

इस बात का जिक्र अकरम ने अपनी किताब सुल्तान: ए मेमॉयर में किया है जिसे द टाइम्स में प्रकाशित किया गया है। सुल्तान: ए मेमॉयर में अकरम ने अपनी निजी जिंदगी के राज खोले हैं।उन्होंने किताब में लिखा है-रिटायरमेंट के बाद उन्हें कोकीन की लत लग गई थी और इस लत से छुटकारा पाने के लिए उन्हें बहुत ज्यादा जद्दोजहद की थी। किताब में अकरम ने खुलासा करते हुए लिखा कि ये लत उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने के बाद लगी थी। जिसे वो अपनी पहली पत्नी हुमा की मौत के बाद ही छोड़ पाए। क्रिकेटर ने खुलासा करते हुए बताया कि एक टाइम था जब मुझे पार्टी करना बहुत पसंद था..मैं पूरी तरीके से पार्टी एनिमल बन चुका था। दक्षिण एशिया देर रात की पार्टियों के लिए ही लोकप्रिय है और कोई भी उसे देखकर मोहक हो सकता है…मैं भी उस मोह में फंस गया था। मैं कोकीन पर डिपेंड हो गया था…मैं बुरी तरीके से इसके चंगुल में फंस गया था…। ये सिलसिला तब से शुरू हुआ जब से इंग्लैंड में मुझे एक पार्टी ऑफर की गई, जिसके बाद मैं आगे बढ़ता ही चला गया।

पत्नी की मौत ने तोड़ा

क्रिकेटर ने बताया कि बिना कोकीन लिए मैं काम नहीं कर पाता था। मेरी पति हुमा अकेली रहती थी और वो कराची जाना चाहती थी, अपने परिवार और भाई-बहनों के साथ रहना चाहती थी लेकिन मैं इंग्लैंड की पार्टियों में बिजी रहता था। मेरा खुद कराची जाने का मन नहीं करता था। एक दिन हुमा को इस बारे में पता चला और उनसे कहा कि मुझे मदद की जरूरत है..मैंने उसकी बात को मान लिया लेकिन बिना कोकीन के मैं खुद को असहाय महसूस करता था..मुझे नींद नहीं आती थी और भूख भी नहीं लगती थी। हालात इतने बिगड़ गए कि तलाक की नौबत आ गई लेकिन हुमा की अचानक मौत ने मुझे तोड़ दिया और मैं इस लत से बाहर आ सका।