नई दिल्ली। हाल ही में हुए टोक्यो ओलंपिक में भारत ने बेहतर प्रदर्शन किया है। इसके साथ ही टोक्यों में भारतीय खिलाड़ियों ने इतिहास रचा है। तो वहीं पैरालंपिक में भी भारत ने कहीं कोई कसर नहीं छोड़ी है। इस साल भारत ने अपने 53 साल के पैरालंपिक के इतिहास में जितने मेडल जीते थे उससे डेढ़ गुना से ज्यादा मेडल पर बाजी मारी है। इस साल बेहतर प्रदर्शन करते हुए भारत ने अकेले टोक्यो में कई मेडल अपने नाम किए हैं। इस बार भारत ने 5 गोल्ड मेडल के साथ-साथ 19 मेडल अपने नाम किए हैं। टोक्यो पैरालंपिक खेलों में भारत ने 5 स्वर्ण, 8 रजत और 6 कांस्य पदक अपनी झोली में डाले हैं। इसके साथ ही पहली बार भारत पैरालंपिक के इतिहास में टॉप 25 में गिना जा रहा है। इस बार भारत 24वें स्थान पर रहा है। इससे पहले रियो पैरालंपिक में भारत ने 4 मेडल ही जीते थे।
आपको बता दें कि साल 1968 के तेल अवीव पैरालंपिक के दौरान भारत ने पहली बार भाग लिया था। उस दौरान भारत एक भी मेडल पर अपनी दावेदारी नहीं जता पाया है। इसके बाद पहली बार भारत ने 1972 में मेडल जीता था। भारत के लिए पैरालंपिक के इतिहास में पहला मेडल 50 मीटर फ्रीस्टाइल स्वीमिंग में मुरलीकांत पेटकर ने जीता था। पेटकर ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए देश के लिए पहला मेडल और पहला स्वर्ण पैरालंपिक खेलों के इतिहास में जीता था।
— #Tokyo2020 for India (@Tokyo2020hi) September 5, 2021
इसके बाद साल 2016 तक भारत ने कुल 12 पैरालंपिक मेडल अपने नाम किए थे। वहीं इस बार अकेले एक पैरालंपिक में भारत ने 19 मेडल जीते थे। 53 साल के पैरालंपिक इतिहास में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देखा गया था। इसके साथ ही यदि ओलंपिक से भी तुलना की जाए तो भारत कभी दहाई के आंकड़े में भी वहां नहीं पहुंच पाया है। तो वहीं पैरालंपिक इतिहास में भारत के अब कुल 31 मेडल हो गए हैं।