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Sunil Gavaskar Birthday : जब ‘मौत’ के आगे गावस्कर ने पलक तक नहीं झपकाई, जानें लिटिल मास्टर के अनकहे किस्सें

Sunil Gavaskar’s birthday: ये समय था साल 1983 का, जब बिना हेलमेट पहने गावस्कर मैदान में खेल रहे थे तभी वेस्टइंडीज के महान तेज गेंदबाज मैलकम मार्शल ने सुनील गावस्कर के सिर पर गेंद मारी। इस घटना में गावस्कर बस एक इंच से बचे।

नई दिल्ली। आज दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar Birthday) अपना 72वां जन्मदिन मना रहे हैं। लिटिल मास्टर के नाम से मशहूर गावस्कर 34 साल पहले 1987 में क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं। तो आइए गावस्कर के जन्मदिन पर जानते हैं उनके कई अनोखे रिकॉर्ड और कारनामों के बारे में…

भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने भारत के लिए 125 टेस्ट और 108 वनडे मैच खेले। टेस्ट में उन्होंने 10,122 रन बनाए तो वहीं वनडे में भी उन्होंने 3092 रन बनाए। सुनील गावस्कर ऐसे पहले खिलाड़ी थे जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 10 हजार का आंकड़ा छुआ। गावस्कर के करियर की सबसे खास बात ये रही की कभी भी उन्होंने हेलमेट का इस्तेमाल नहीं किया। गावस्कर ने टेस्ट में 34 शतक बनाए जो काफी समय तक वर्ल्ड रिकॉर्ड भी रहा लेकिन क्या आप जानते हैं अपने दमदार खेल की बदौलत लोगों के दिलों में जगह बनाने वाले सुनील गावस्कर के लिए एक समय ऐसा भी आया था जब बात उनकी जान पर आई थी।

SUNIL GAVASKAR

ये समय था साल 1983 का, जब बिना हेलमेट पहने गावस्कर मैदान में खेल रहे थे तभी वेस्टइंडीज के महान तेज गेंदबाज मैलकम मार्शल ने सुनील गावस्कर के सिर पर गेंद मारी। इस घटना में गावस्कर बस एक इंच से बचे। हालांकि इस पूरी घटना में लोगों को चैकाने वाली बात ये थी कि इस दौरान गावस्कर ने पलक तक नहीं झपकाई और उन्होंने शतक भी ठोका।

Sunil Gavaskar

बचपन में दूसरे बच्चे से बदल गए थे गावस्कर

सुनील गावस्कर ने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘Sunny Days’ में बताया है कि ‘मैं कभी क्रिकेटर नहीं बना होता और न ही यह किताब लिखी गई होती… अगर मेरी जिंदगी में तेज नजरों वाले नारायण मासुरकर नहीं होते।’ गावस्कर ने बताया, ‘जब मेरा जन्म हुआ तब वो (जिन्हें बाद में मैं नन-काका कहकर बुलाता था) अस्पताल मुझे देखने आए थे और उन्होंने मेरे कान पर एक बर्थमार्क देखा था।’

sunil gavaskar

गावस्कर ने बताया, ‘अगले दिन वो फिर अस्पताल आए और उन्होंने जिस बच्चे को गोद में उठाया, उस बच्चे के कान पर वो निशान नहीं मिला। इसके बाद पूरे अस्पताल में बच्चों को चेक किया गया। जिसके बाद मैं उन्हें मछुआरे की पत्नी के पास सोता हुए मिला।’

गावस्कर ने बताया, ‘अस्पताल की नर्स ने गलती से मुझे वहां सुला दिया था. गावस्कर का कहना है कि शायद बच्चों को नहलाते समय वह बदल गए थे। अगर उस दिन चाचा ने ध्यान नहीं दिया होता, तो हो सकता था कि मैं आज मछुआरा होता।’