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Agniveer: ट्रेन फूंकने वाले छात्रों के लिए बंद हो सकता है सेना में भर्ती का रास्ता, पूर्व आर्मी अफसरों ने चेताया

नई दिल्ली। मौजूदा वक्त में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अग्निपथ का युवाओं द्वारा चौतरफा विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। विरोध प्रदर्शन की शुरुआत बिहार से हुई थी, जो कि अब देश के कई राज्यों में पहुंच चुकी है। दरअसल, युवाओं को इस बात को लेकर आपत्ति है कि बतौर सैन्य कर्मी सेना …

नई दिल्ली। मौजूदा वक्त में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अग्निपथ का युवाओं द्वारा चौतरफा विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। विरोध प्रदर्शन की शुरुआत बिहार से हुई थी, जो कि अब देश के कई राज्यों में पहुंच चुकी है। दरअसल, युवाओं को इस बात को लेकर आपत्ति है कि बतौर सैन्य कर्मी सेना में चार वर्ष काम करने के उपरांत बाकाया जिंदगी हमारे लिए रोजगार के साधन क्या रहेंगे? सरकार ने इसके लिए कोई प्रावधान नहीं किया है। हालांकि, केंद्र सरकार का युवाओं की उक्त आपत्ति पर कहना है कि  चार वर्ष की सेवा के उपरांत उन्हें अन्यत्र  महकमों में  सरलता से रोजगार मिल जाएगा और इसके बाद उन्हें सेना की तरफ से बड़ी आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करवाई जाएगी, जिससे उन्हें बेरोजगारी की त्रासदी  से बचने में बड़ी मदद मिलेगी, लेकिन सरकार के तमाम आश्वासनों के बावजूद भी युवाओं द्वारा जिस तरह विरोध प्रदर्शन की आड़ में सरकारी संपत्तियों को क्षति पहुंचाई जा रही है, उसे लेकर सरकार एक्शन मोड में आ चुकी है।

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वहीं, केंद्र सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है कि विरोध–प्रदर्शन में कुछ असामाजिक तत्व के लोग शामिल हो चुके हैं, लिहाजा ऐसे सभी लोगों को चिन्हित कर इनसे सरकारी संपत्तियों की हुई क्षति की भरपाई की जाएगी और उन सभी युवाओं को  चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन अब इसी बीच पूर्व सैन्य अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन की आड़ में उपद्रव करने वाले युवाओं को बुरी खबर सुनाई है। आइए, आगे आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं। दरअसल,  पूर्व जनरल जीडी बख्शी ने उपद्रव करने वाले युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वे हिंसा का रास्ता छोड़ दे।  इससे उनका ही नुकसान होगा। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी जिससे उनके लिए सेना में जाने के सारे रास्ते बंद हो जाएंगे, लिहाजा मेरा विरोध प्रदर्शन में शामिल सभी युवाओं से अनुरोध है  कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर देश सेवा में आगे आए। ये तो उनके लिए अच्छी बात है कि उन्हें देश सेवा का मौका मिल रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमें इस बात की खुशी है कि हमारे देश में इतनी बड़ी संख्या में युवा सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहते हैं, लेकिन जिस तरह महज कुछ आपत्तियों की वजह से हिंसा का रास्ता अपनाया जा रहा है, उसकी हम निंदा करते हैं।

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वहीं, मेजर जनरल संजय सोई ने युवाओं के आक्रोश पर कहा कि जिस तरह केंद्र सरकार की इस स्कीम को लेकर विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है, उसमें कुछ साजिश की बू आती है, लिहाजा ऐसे सभी तत्वों की जांच की जानी चाहिए और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उधर, जिस तरह युवाओं को बेरोजगारी का डर सता रहा है, उस पर उन्होंने कहा कि सीमा का अनुभव प्राप्त होने के बाद उन्हें किसी भी निजी संस्थान में अच्छे वेतन के साथ नौकरी सरलता से मिल जाएगी। यहां तक किसी भी निजी संस्थान में नौकरी भर्ती के दौरान उन्हें किसी अन्य युवा की तुलना में अधिक प्राथमिकता दी जाएगी। लेकिन, वर्तमान में जिस तरह से हिंसात्मक गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है। वह गलत है।