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JNU Protest Ban : JNU में अब राष्ट्रविरोधी नारे लगाना पड़ेगा ‘महंगा’, फैसले के विरोध में छात्र

इन नए नियमों से जाहिर है टुकड़े-टुकड़े गैंग की परेशानी सबसे ज्यादा बढ़ने वाली है । इससे यूनिवर्सिटी में जो छात्र समय-समय पर प्रदर्शन कर अपनी मांग उठाते थे अब उन मांगों को भी नहीं उठा पाएंगे । ऐसा करने पर संबंधित छात्र को अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी ।

वामपंथी छात्र संगठनों की ओर से देशविरोधी नारेबाजी और ढपली गैंग के विरोध प्रदर्शन का अड्डा रही दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में अब ऐसा कर पाना छात्रों पर भारी पड़ सकता है क्योंकि जेएनयू में नए नियम लागू करने का आदेश जारी कर दिया गया है । इस नए नियम के तहत यूनिवर्सिटी कैंपस में धरना देने पर छात्रों पर 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा । इसके अलावा अगर कोई राष्ट्र विरोधी नारे लगाता है तो उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का नियम बनाया गया है । इन नए नियमों से जाहिर है टुकड़े-टुकड़े गैंग की परेशानी सबसे ज्यादा बढ़ने वाली है । इससे यूनिवर्सिटी में जो छात्र समय-समय पर प्रदर्शन कर अपनी मांग उठाते थे अब उन मांगों को भी नहीं उठा पाएंगे । ऐसा करने पर संबंधित छात्र को अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी । इस आदेश से छात्र काफी नाराज हैं । एबीवीपी के सदस्य और मीडिया इंचार्ज अंबुज तिवारी का कहना है कि जेएनयू प्रशासन का ये तुगलकी फरमान पहले भी आ चुका है जिसके खिलाफ हम लोगों ने काफी प्रदर्शन किया था और बाद में प्रशासन ने उसे वापस भी ले लिया था, लेकिन अब फिर से कोई फरमान आया है जिसमें छात्रों के प्रदर्शन करने पर रोक लगाने की बात सामने आ रही है । ये सरासर गलत है क्योंकि अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करना हमारा संवैधानिक अधिकार है । हमसे हमारे संवैधानिक अधिकार जेएनयू प्रशासन ना छीने । इसके अलावा एबीवीपी सदस्य का ये भी कहना है कि एबीवीपी देश विरोधी नारे लगाने पर जुर्माने का समर्थन करता है, लेकिन यूनिवर्सिटी में अगर कोई संगठन अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहा है तो उसे प्रदर्शन करने दिया जाए । अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाना हमारा हक है । इससे पहले मार्च में भी जेएनयू में ये नियम लागू किया गया था । जिसके तहत यूनिवर्सिटी परिसर में धरना देने पर छात्रों पर 20,000 रुपए का जुर्माना, हिंसा करने पर उनका दाखिला रद्द किया जाना या 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाना शामिल किया गया था तब इस मामले में छात्रों ने काफी विरोध किया था । बाद में इसे वापस भी ले लिया गया था लेकिन अब फिर जेएनयू में एक नया फरमान जारी कर दिया गया है जिसके बाद छात्र संगठनों में नाराजगी देखने को मिल रही है ।