नई दिल्ली। इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है। फिलिस्तीन द्वारा किए गए बर्बर हमले का जवाब देने के लिए इजराइल पूरी तरह से तैयार है। बीते दिनों इजराइली सेना ने गाजा पट्टी स्थित अस्पताल पर भी हमला किया था। दावा किया गया था कि इस हमले में कई मासूम बच्चे भी मारे गए थे, जिसे लेकर अरब देशों ने इजराइल के इस रवैये की निंदा की थी। वहीं इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दो टूक कह दिया है कि दुश्मन देश को उसके किए की भारी कीमत चुकानी होगी। बता दें कि इस युद्ध की जद में आकर अब दोनों पक्षों की ओर से हजारों लोग मारे जा चुके हैं। वहीं, इस युद्ध ने पूरी दुनिया को दो गुटों में विभाजित कर दिया है। एक ऐसा गुट है, जो कि इजराइल का समर्थन कर रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ एक ऐसा गुटा है, जो कि फिलिस्तीन का समर्थन कर रहा है। हालांकि, भारत की ओर से इजराइल का समर्थन करने का ऐलान किया जा चुका है, लेकिन बीते दिनों जिस तरह से केंद्र सरकार ने फिलिस्तीन को भारी मात्रा में राहत सामग्री पहुंचाई है, उसके बाद से विश्व समुदाय में भारत की भूमिका को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
उधर, इजराइल का हमला फिलिस्तीन पर लगातार जारी है। इजराइल ने प्रण लिया है कि जब तक आतंकी संगठन हमास का नामो-निशान नहीं मिटा देते, तब तक उनका यह हमला जारी रहेगा। इस बीच इजराइली डिफेंस फोर्स ने एक बड़ा खुलासा किया है। दरअसल, इजराइल ने फिलिस्तीन के तीन लड़कों को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान इन तीनों ही लड़ाकों ने कबूल किया है कि उन्हें हमास के सरगना ने इजराइलियों को बंधक बनाने का काम सौंपा था। इन तीनों ही लड़ाकों ने कबूल किया कि हमास की ओर से इन्हें कहा गया था कि इजराइलियों को बंधक बनाने के एवज में तुम्हें 10 हजार डॉलर और एक फ्लैट दिया जाएगा, जिसकी लालच में आकर कई लड़ाकों ने इजरालियों की सरमजीं में घसपैठ कर जहां कुछ लोगों को मौत के घाट उतार दिया, तो वहीं कइयों को बंधकों को बना लिया गया।
बता दें कि इजराइली सेना ने तीनों लड़ाकों को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ के आधार पर यह जानकारी जुटाई है, जिसका वीडियो भी साझा किया है। तीनों लड़ाकों ने इस बात को कबूला कि इन्हें इजराइली सरमजीं पर दाखिल होकर लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग करने का आदेश दिया गया था। इस काम में एक या दो नहीं, बल्कि अनेकों लड़ाके शामिल थे, जिनकी धरपकड़ की तलाश में जुट चुकी है। लड़ाकों ने इस बात को कबूला कि उन्हें ना महज इंसान बल्कि इजराइली जानवरों को भी मारने का आदेश दिया गया था।
सनद रहे कि बीते आठ अक्टूबर को आतंकी संगठन हमास ने इजराइल पर समुद्र, थल और नभ मार्ग से चार हजार से भी अधिक रॉकेट दागे थे, जिसकी जद में आकर कई लोगों की मौत हो गई। बहरहाल, दोनों पक्षों के बीच युद्ध का सिलसिला जारी है। हालांकि, अरब देशों की ओर से शांति की अपील की जा रही है, लेकिन जमीन पर इस अपील का असर देखने को नहीं मिल रहा है। अब ऐसे में आगामी दिनों में दोनों पक्षों की ओर से क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।