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Alliance Against Taliban: जानिए कौन हैं अमरुल्ला सालेह, जो दे रहे हैं तालिबान की सत्ता को चुनौती

Alliance Against Taliban: अमरुल्लाह दरअसल अमीरुल्लाह का अपभ्रंश है। इसका मतलब है अल्लाह का फरमान। 1972 में पंजशीर में सालेह पैदा हुए। बचपन में ही माता-पिता का साया सिर से उठ गया। जवान हुए, तो अफगानिस्तान पर रूस के कब्जे के खिलाफ हथियार उठा लिया।

काबुल। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के साथ ही एक नाम चर्चा में है। ये नाम है अमरुल्लाह सालेह का। अमरुल्ला हाल तक अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति थे। अब उन्होंने देश के संविधान का हवाला देकर खुद को देश का नया राष्ट्रपति घोषित कर दिया है और देश के उत्तरी इलाके के पंजशीर प्रांत में कबायलियों के साथ मिलकर तालिबान को अफगानिस्तान से उखाड़ फेंकने की कसम खा ली है। सालेह की पहचान सिर्फ इतनी ही नहीं है। वह नामचीन जासूस भी रहे हैं। उन्होंने एक बार पाकिस्तानी राष्ट्रपति रहे परवेज मुशर्रफ को ये तक बता दिया था कि अल-कायदा का चीफ ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में ही छिपा हुआ है। इस पर मुशर्रफ भड़क गए थे, लेकिन सालेह अपनी बात पर डटे रहे।

अमरुल्लाह दरअसल अमीरुल्लाह का अपभ्रंश है। इसका मतलब है अल्लाह का फरमान। 1972 में पंजशीर में सालेह पैदा हुए। बचपन में ही माता-पिता का साया सिर से उठ गया। जवान हुए, तो अफगानिस्तान पर रूस के कब्जे के खिलाफ हथियार उठा लिया। फिर पंजशीर के शेर कहे जाने वाले अहमद शाह मसूद के साथ तालिबान से संघर्ष करते रहे। अब उन्होंने फिर तालिबान को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया है। तालिबान ने 2020 में उनकी जान लेने की कोशिश की, लेकिन सालेह बच गए। 2001 में अमेरिका के लिए उन्होंने जासूसी भी की। अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी के वह चीफ भी रहे। 2019 में उन्हें उप राष्ट्रपति बनाया गया था।

अमरुल्लाह सालेह की जिंदगी का ज्यादातर हिस्सा हथियार चलाने में ही बीता है। अब फिर उन्होंने हथियार उठाए हैं। पंजशीर घाटी में मसूद खानदान के साथ ही उनका बहुत सम्मान है। इसी वजह से यहां के कबायली नेताओं ने सालेह की एक पुकार पर तालिबान के खिलाफ फिर जंग छेड़ने का एलान किया है। नतीजे में शुक्रवार तक 3 जिलों को तालिबान से मुक्त भी कराया जा चुका है।