नई दिल्ली। बांग्लादेश में भड़की हिंसा में हिन्दुओं को जमकर निशाना बनाया जा रहा है। पहले तो मंदिर तोड़े गये, मूर्तियां तोड़ी गयी फिर लोगों की हत्या की गयी और अब लोगों के घर तक जला दिए जा रहे हैं। जब इस घटना की शुरुआत हुई थी और खबर भारत तक पहुंची तो बहुत से लोगों ने पीएम मोदी से इस मामले में दखल देने के लिए कहा था और सोशल मीडिया पर अपना आक्रोश भी जाहिर किया था लेकिन उसके अगले दिन ही बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का बयान सामने आया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि जो भी इस घटना में दोषी है उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी, लेकिन उस वक्त शेख हसीना ने भारत को नसीहत दी थी कि भारत में ऐसा कुछ भी न किया जाए जिससे यहां पर हिन्दुओं के खिलाफ माहौल और खराब हो हालांकि भारत से ऐसा कोई बयान नही आया कि हंगामा मचे या सौहार्द बिगड़े लेकिन फिर भी बांग्लादेश में हालत बिगड़ते चले गये।
8 सालों में हिंदुओं पर 3,679 हमले
दरअसल बांग्लादेश की एक संस्था ऐन ओ सालिश केंद्र के मुताबिक, जनवरी 2013 से इस वर्ष सितंबर महीने के बीच वहां हिंदुओं पर 3,679 हमले हो चुके थे। बांग्लादेश में दुर्गापूजा के दौरान हिंदुओं के खिलाफ शुरू हुई हिंसा पिछले सप्ताह से ही जारी है। मुस्लिम कट्टरपंथी हमलावरों के एक समूह ने हिंसा में हिंदुओं के 66 घरों को तोड़ फोड़ कर दिया और करीब 20 घरों में आग लगा दी। अभी तक सिर्फ यही जानकारी मिली है कि एक फेसबुक पोस्ट से अफवाह फैली कि गांव के एक हिंदू व्यक्ति ने ‘धर्म का अपमान’ किया है। इसके बाद से ही हिन्दू टार्गेट किये गये।
इतना ही नहीं, तस्लीमा नसरीन ने भी बांग्लादेश के हालात पर अपनी बहुचर्चित पुस्तक ‘लज्जा’ की चर्चा छेड़,शेख हसीना पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने आग में धधकते हिंदू गांव की तस्वीर शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘लज्जा आज भी प्रासंगिक है।’ इतना ही नहीं, तसलीमा नसरीन ने कहा कि, ‘मैं समझ नहीं पाती हूं कि अपने देश की अल्पसंख्यक आबादी का समर्थन करने वाले भारतीय मुझसे नफरत क्यों करते हैं जब मैं अपने देश की अल्पसंख्यक आबादी का समर्थन करती हूं!’
‘Lajja’ is still relevant. pic.twitter.com/GCl9IbWrOj
— taslima nasreen (@taslimanasreen) October 18, 2021
मजहबी उपदेशों का चलन बढ़ गया-तसलीमा नसरीन
तसलीमा नसरीन ने कहा कि, “बांग्लादेश जिहादिस्तान बनता जा रहा है। यहां मदरसे नफरत फैला रहे हैं।” उन्होंने कहा ,”प्रधानमंत्री शेख हसीना को अच्छी तरह पता है कि दुर्गापूजा के समय हमेशा हिंदुओं पर जिहादियों के हमले का खतरा रहता है तो उनकी सुरक्षा के उपाय क्यों नहीं किये गए?” तसलीमा नसरीन ने आगे कहा कि, ”यही हाल रहा तो अब दहशत के कारण बचे-खुचे हिंदू भी वहां नहीं रहेंगे। सरकार चाहती तो उनकी रक्षा कर सकती थी। यह हिंदू विरोधी मानसिकता चिंताजनक है। विभाजन के समय वहां 30 प्रतिशत अल्पसंख्यक थे, जो अब घटकर नौ प्रतिशत रह गए हैं तथा आने वाले समय में और कम होंगे।” तसलीमा ने बड़ी संख्या में मदरसों और मस्जिदों के निर्माण का विरोध करते हुए कहा, “बांग्लादेश में बेवजह इतनी मस्जिद और मदरसे बनाए जा रहे हैं। मजहबी उपदेशों का चलन बढ़ गया है जो अनपढ़ गरीबों को इस्लाम के नाम पर कट्टरपंथी बना रहा हैं।
Cry, the beloved country. pic.twitter.com/XhmzsYtpil
— taslima nasreen (@taslimanasreen) October 18, 2021
यहां गौर करने वाली बात ये भी है कि भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की आवाज उठाने वाले…. बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे लगातार हिंसक हमलों पर चुप हैं। हिन्दू वहां पर अल्संख्यक ही हैं। पश्चिम बंगाल की सीमा बांग्लादेश से सटी है। बांग्लादेश के हिन्दुओं की पश्चिम बंगाल से काफी नजदीकियां हैं। लेकिन इसके बावजूद भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक शब्द कुछ नहीं बोला।
वहीं बांग्लादेश में हुई इस घटना ने विश्व का ध्यान अपनी तरह खींचा है। बांग्लादेश में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर मिया सेप्पो (Mia Seppo) ने कहा, सोशल मीडिया पर हेट स्पीच की वजह से बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हालिया हमले संविधान के मूल्यों के खिलाफ हैं और इसे रोकने की जरूरत है। हम सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का गुजारिश करते हैं। अमेरिका ने भी इस घटना की निंदा की है।