वॉशिंगटन। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के दौरान कैंप डेविड में छुट्टियां मना रहे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन राजधानी वॉशिंगटन लौट आए। वॉशिंगटन लौटने के बाद उन्होंने देश को संबोधित किया। अपने संबोधन में बाइडेन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज वापस बुलाने के फैसले को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि तालिबान के कब्जे के बाद जो हो रहा है, वह गंभीर है, लेकिन अमेरिकी फौज को वह किसी सूरत में अफगानिस्तान में और नहीं रखना चाहते थे। उधर, बाइडेन के वॉशिंगटन लौटने के बाद कुछ लोग व्हाइट हाउस के बाहर इकट्ठा हुए और उन्होंने अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज की वापसी के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
बाइडेन ने कहा कि चार-चार राष्ट्रपति के दौर में अमेरिकी फौज अफगानिस्तान में पड़ी रही। वहां तमाम अमेरिकी फौजियों को जान गंवानी पड़ी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह नहीं चाहते थे कि पांचवें राष्ट्रपति को भी अफगानिस्तान में अमेरिकी फौज की तैनाती मिलती। हालांकि उन्होंने माना कि अफगानिस्तान के हालात काफी खराब हैं। फिर भी वह फौज वापसी के लिए गए अपने फैसले पर अडिग दिखाई दिए।
बता दें कि 9/11 के हमले के बाद तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने अफगानिस्तान में अमेरिकी फौज को भेजा था। अमेरिकी फौज ने वहां से तालिबान की सत्ता को उखाड़ फेंका था, लेकिन जंग कभी खत्म नहीं हुई। अमेरिकी सैनिकों पर तालिबान के हमले होते रहे। यहां तक कि जब काबुल में अमेरिकी फौज तैनात थी, तब भी आए दिन वहां आतंकी हमले होते रहे थे। बुश के बाद ओबामा और डोनाल्ड ट्रंप ने फौज वापसी पर कोई फैसला नहीं किया था। बाइडेन ने जब चुनाव लड़ा, तो उनके वादों में अमेरिकी फौज की अफगानिस्तान से वापसी भी थी। जिसे अब वह सही ठहरा रहे हैं।