वॉशिंगटन। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत कूटनीति के मामले में झंडे फहरा रहा है। ताजा मामला रूस से कच्चा तेल लेने का है। भारत ने साफ कहा है कि वो अपने नागरिकों की भलाई के लिए जहां से मिलेगा, वहां से सस्ता कच्चा तेल लेगा। ये बात विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने विदेशी दौरों में भी कही थी। अब अमेरिका ने भी माना है कि भारत को जहां से चाहे कच्चा तेल लेने का हक है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस बारे में पूछे गए सवाल पर कहा कि रूस पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, लेकिन ऊर्जा स्रोतों को उससे दूर रखा गया है। हालांकि, प्रवक्ता ने ये भी कहा कि रूस भरोसेमंद देश नहीं है। सुनिए, अमेरिकी प्रवक्ता ने क्या कहा।
Flash: US State department says India importing energy from Russia does not “runs afoul of the sanctions that have been imposed” pic.twitter.com/VWj7h2L58h
— Sidhant Sibal (@sidhant) November 9, 2022
अमेरिकी प्रवक्ता ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि पीएम मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर के यूक्रेन मामले में रखे गए विचार अलग-अलग नहीं हैं। प्रवक्ता ने सवाल के जवाब में कहा कि पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में जो कहा था, वैसा ही रुख विदेश मंत्री जयशंकर ने मॉस्को जाकर दिया है। कुल मिलाकर भारत ने कहा है कि युद्ध आज के जमाने में किसी समस्या का समाधान नहीं है। बातचीत से ही मसलों का हल निकल सकता है।
“Messages we heard from Foreign Minister Jaishankar in Russia were not dissimilar in some ways from what we heard from Prime Minister Modi”, US State dept Spox on EAM’s Moscow visit in which he pointed to Indian reiteration on diplomacy to resolve Russia Ukraine conflict. pic.twitter.com/YiCRSEwTaA
— Sidhant Sibal (@sidhant) November 9, 2022
बता दें कि रूस की जंग में अमेरिका लगातार यूक्रेन की मदद कर रहा है। यूरोप के देश भी यूक्रेन की मदद कर रहे हैं। भारत ने लगातार वैश्विक मंचों पर कहा है कि यूक्रेन की समस्या का समाधान बातचीत से होगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने ताशकंद में एससीओ की बैठक के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से अलग बैठक की थी। तब मोदी ने पुतिन से कहा था कि वो यूक्रेन समस्या का समाधान बातचीत से निकालें। मोदी ने युद्ध की मुखालिफत की थी।