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Video: पुराने वीडियो को गलवान घाटी का बताकर चीन ने भारत के खिलाफ उगलना चाहा जहर !, लेकिन ऐसे खुल गई उसकी पोल

Video: 15-16 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में एलएसी पर हुई इस झड़प में भारत की सेना के एक कर्नल समेत 20 सैनिकों की जान चली गई थी। हालांकि, भारत का दावा था कि इस झड़प में चीन के सैनिकों को भी नुक़सान हुआ था।

नई दिल्ली। गलवान घाटी में मिली करारी हार को चीन अब तक नहीं पचा पाया है। यहीं कारण है कि वो बार-बार इस मुद्दे पर भारत के खिलाफ अपनी भड़ास निकाल रहा है। नए साल की शुरूआत के साथ ही एक बार फिर चीन का आक्रामक रूख देखने को मिला है। दरअसल, चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र माने जाना वाला अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने नए साल के पहले दिन एक वीडियो ट्वीट किया है। इस शेयर किए गए वीडियो में चीनी सैनिक मंदारिन में कुछ बोलते दिख रहे हैं।

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वीडियो को शेयर करते हुए ग्लोबल टाइम्स ने कैप्शन में लिखा है, ”भारत से लगी सीमा पर गलवान घाटी में पीपल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों ने चीन के लोगों को संदेश भेजा है- एक इंच ज़मीन भी नहीं छोड़ेंगे।” ग्लोबल टाइम्स ने नए साल पर गलवान वैली का बताकर जो वीडियो पोस्ट किया है उसपर रीट्वीट करते हुए भारत के रक्षा विश्लेषक सुशांत सिंह ने लिखा है, ”अगर इस हैंडल से यह और अन्य ट्वीट अक्साई चिन से पीएलए का नए साल पर संदेश है तो चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अप्रैल 2020 से पहले की यथास्थिति की उम्मीद द्विपक्षीय बात से कम ही है।”

आपको बता दें, 15-16 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में एलएसी पर हुई इस झड़प में भारत की सेना के एक कर्नल समेत 20 सैनिकों की जान चली गई थी। हालांकि, भारत का दावा था कि इस झड़प में चीन के सैनिकों को भी नुक़सान हुआ था। इस घटना के आठ महीने बाद चीन ने फ़रवरी में स्वीकार किया था कि गलवान वैली में पिछले साल जून में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प के दौरान उसके सैनिक भी मारे गए थे। चीनी सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने कहा था कि गलवान में उस के कुल चार सैनिकों की मौत हो गई थी। जबकि भारत को इस झड़प में 20 सैनिक का नुकसान हुआ। लेकिन उस वक्त भी चीन ने अपने सैनिकों के नुकसान की बात को सार्वजनिक नहीं किया था। वहीं अब एक बार फिर इस पुराने मामले को उठाकर चीन अपने देश में इज्जत बचाना चाह रहा है।

ग्लोबल टाइम्स के इस वीडियो पर वरिष्ठ पत्रकार आदित्य राज कौल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। आदित्य राज कौल ने लिखा, ”क्या चीन ने पीएलए के इन सैनिकों को पिछले साल गलवान वैली में कई चीनी सैनिकों के मारे जाने के बारे में बताया है? चीन की कम्युनिस्ट सरकार ये बात कभी स्वीकार नहीं करेगी।”