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Pakistan: इमरान खान के मुल्क में अवैध संबंध न बनाने का नतीजा, महिला को ईशनिंदा में फंसाकर दिलाई मौत की सजा

इमरान खान के नया पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून का किस तरह दुरुपयोग हो रहा है, इसका उदाहरण अनीका अतीक नाम की महिला है। महिला के मुताबिक एक शख्स ने उसकी तरफ गलत नजर रखी। उसने अनीका से अवैध संबंध बनाना चाहा।

इस्लामाबाद। इमरान खान के नया पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून का किस तरह दुरुपयोग हो रहा है, इसका उदाहरण अनीका अतीक नाम की महिला है। महिला के मुताबिक एक शख्स ने उसकी तरफ गलत नजर रखी। उसने अनीका से अवैध संबंध बनाना चाहा। अनीका ने जब इससे साफ इनकार किया, तो इस शख्स ने उसके वाट्सएप और फेसबुक के जरिए ईशनिंदा के मैसेज प्रचारित कर दिए। अनीका को गिरफ्तार कर लिया गया। हालत ये है कि जब महिला ने जज को सारी हकीकत बताई, तो कोर्ट ने भी इसे मानने से इनकार कर दिया और अनीका अतीक को मौत की सजा सुना दी। अनीका को मई 2020 में गिरफ्तार किया गया था और वो अब जेल में तिल-तिल कर मर रही है।

पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून इतना गंभीर है कि इसमें फंसे लोगों को आमतौर पर कोर्ट से मौत की सजा सुना दी जाती है। हालांकि, ईशनिंदा का आरोप लगने भर से उन्हें भीड़ पीट-पीटकर मार देती है। खासकर हिंदुओं, सिखों और ईसाइयों के खिलाफ इस कानून का हमेशा गलत इस्तेमाल किया जाता है। कोर्ट भी ईशनिंदा के आरोपियों को जल्दी नहीं छोड़ते, क्योंकि जजों को ये डर होता है कि कट्टरपंथी उन्हें भी निशाना बना सकते हैं। नतीजे में ज्यादातर मामलों में मौत की सजा सुना दी जाती है। कट्टरपंथियों के हाथ से कोई बच गया, तो जेल में रहता है और मुकदमों का सामना करता रहता है।

पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून का किस तरह दुरुपयोग होता है, ये ईसाई महिला आसिया बीबी के मामले में सामने आ चुका है। आसिया बीबी पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया था। भीड़ उसे मार डालने पर उतारू थी। उसे किसी तरह गिरफ्तार किया गया। बाद में कनाडा ने अगस्त 2020 में आसिया बीबी को शरण दी। कुरआन शरीफ की आयत के मुताबिक अल्लाह के नाम पर गलत बोलने वाले को मौत ही दी जानी चाहिए और भीड़ को उसे पत्थरों से मार-मारकर ये सजा देनी चाहिए। पाकिस्तान में इसी को आधार बनाकर ईशनिंदा कानून लाया गया और भीड़ के हाथों तमाम लोगों की मौत ऐसे ही मामलों में हो चुकी है।