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Karma: कनाडा के पीएम ने भारत में हिंसा करने वालों का लिया था पक्ष, अब खुद प्रदर्शन देख घर छोड़कर भागे

फिलहाल ट्रूडो के घर के बाहर शनिवार से हालत ये है कि ट्रक ड्राइवर देश के झंडे के साथ आजादी की मांग वाले झंडे भी लहरा रहे हैं। कोरोना प्रतिबंधों के खिलाफ आवाज उठा रहे हजारों प्रदर्शनकारियों का साथ भी उन्हें मिल रहा है। बड़े बड़े ट्रक राजधानी की हर सड़क पर दिख रहे हैं।

ओटावा। भारत में किसान आंदोलन को कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने समर्थन दिया था और मानवाधिकार का मुद्दा बताकर भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप भी किया था। अब ट्रूडो का घर जब ट्रक ड्राइवरों ने घेर लिया, तो वो अपने परिवार के साथ किसी गुप्त जगह जाने पर मजबूर हुए हैं। कनाडा में कोरोना वैक्सीनेशन जरूरी किए जाने के खिलाफ 20 हजार ट्रक ड्राइवरों ने ट्रूडो का घर कल से घेर रखा है। ट्रूडो अब मानवाधिकार की बात भी नहीं कह रहे हैं। बता दें कि दिल्ली में जब किसान आंदोलन के दौरान कट्टरपंथियों ने लालकिले तक ट्रैक्टर मार्च के दौरान हिंसा की थी और कनाडा में बसे खालिस्तानी तत्वों ने उन्हें शह दी थी, तो कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो उनके साथ खड़े हो गए थे। शनिवार को ट्रक चालक और प्रदर्शनकारी कोरोना वैक्सीन जनादेश और अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिबंध हटाने की मांग को लेकर राजधानी में इकट्ठा हो गए। उन्होंने पीएम ट्रूडो का घर घेर लिया। ट्रक ड्राइवर्स ने अपने 70 किलोमीटर लंबे काफिले को फ्रीडम कॉन्वॉय का नाम दिया है।

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फिलहाल ट्रूडो के घर के बाहर शनिवार से हालत ये है कि ट्रक ड्राइवर देश के झंडे के साथ आजादी की मांग वाले झंडे भी लहरा रहे हैं। कोरोना प्रतिबंधों के खिलाफ आवाज उठा रहे हजारों प्रदर्शनकारियों का साथ भी उन्हें मिल रहा है। बड़े बड़े ट्रक राजधानी की हर सड़क पर दिख रहे हैं। ट्रकों के हॉर्न लगातार बजाकर आंदोलनकारी ट्रूडो की नीतियों का विरोध कर रहे हैं। अभी किसी को पता नहीं है कि आंदोलनकारियों की वजह से पीएम ट्रूडो और उनके परिवार को कहां जाकर छिपना पड़ा है। प्रदर्शनकारियों ने धमकी दी है कि अगर उनकी मांग न मानी गई, तो वे अन्य शहरों में भी जाम लगा देंगे। वहीं, ट्रूडो कह रहे हैं कि ट्रक ड्राइवर विज्ञान के विरोधी हैं और वे कनाडा के अन्य लोगों के लिए खतरा बनते जा रहे हैं।

कनाडा के ट्रक चालकों ने अमेरिका की सीमा को पार करने के लिए वैक्सीन को अनिवार्य बनाए जाने का विरोध किया है। ट्रक चालकों में गुस्सा इस बात का है कि कुछ दिन पहले कनाडाई पीएम ने विवादित बयान देते हुए ट्रक वालों को महत्व नहीं रखने वाले अल्पसंख्यक भी बता दिया था। हालत फिलहाल ये है कि ओटावा जाने वाले रास्ते पर ट्रकों की 70 किलोमीटर तक लंबी लाइन लग गई है। इससे आम लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।