नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोनावायरस लगातार दुनिया भर में अपनी जड़ें मजबूत करती जा रही है। दुनिया का लगभग हर देश इस महामारी की चपेट में आ चुका है। लेकिन अब तक इससे निपटने के लिए कोई भी देश पुख्ता तैयारियों के साथ आगे नहीं आया है, यानी कि पूरी दुनिया के लिए यह वायरस अब भी एक बड़ी चुनौती है।
इस वायरस की चपेट में आकर बड़े से बड़ी महाशक्तियां अपने घुटने टेक चुकी हैं। चाहे वह अमेरिका हो, चीन हो या फिर इटली, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस यह सभी देश कोरोनावायरस संक्रमण की जद में है। वहीं दुनिया भर की सरकारें यह पता लगाने की कोशिश में लगी हुई हैं कि आखिर कोरोनावायरस की शुरुआत कहां से हुई।
इसी बीच ब्रिटेन की सरकार को खुफिया सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि कोरोनावायरस का संक्रमण सबसे पहले चीन के लैब से जानवरों के अंदर हुआ और उसके बाद यह वायरस इंसानों में फैलने लगा। अब यह वायरस बेहद ही घातक होता जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार चीन की वुहान लैब में इबोला, निपाह, सार्स, और इसके जैसे दूसरे घातक वायरसों पर रिसर्च की जा रही थी। जहां पर वैज्ञानिक अपने माइक्रोस्कोप में एक बड़ा ही अजीब सा वायरस नोटिस कर रहे थे। वैज्ञानिकों के मुताबिक मेडिकल की हिस्ट्री में ऐसा वायरस पहले कभी भी नहीं देखा गया था। जब वैज्ञानिकों ने इसके जेनेटिक सिक्वेंस को गौर से देखा तो उनको पता चला कि यह चमगादड़ में पाए जाने वाले वायरस से करीबी नजर आ रहा है।
वैज्ञानिक इसको लेकर बड़े ही हैरान थे क्योंकि इस वायरस में वह सार्स वायरस के समान समानताओं को देख पा रहे थे। जिसने 2002 से 2003 में चीन में महामारी पैदा कर दी थी। दुनिया भर में 700 से अधिक लोग इस वायरस के चलते मारे गए थे।
वहीं चीन द्वारा उस वक्त भी यह बताया गया था कि यह छूने और संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने से फैल जाता है। लेकिन उस वक्त चीन की सरकार इस वायरस को छिपाने में कामयाब रही थी। मगर इस बार चीन से निकला यह वायरस दुनियाभर में बेहद तेजी से फैला है जिसकी वजह से लाखों-करोड़ों लोगों की जान खतरे में है।