बीजिंग/ताइपे। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा से भड़का चीन अब इस द्वीप राष्ट्र को अपने कब्जे में करने के लिए जंग छेड़ने की तैयारी कर रहा है। इस बीच, अमेरिकी सांसदों का एक और दल रविवार को ताइवान पहुंचा है। इससे भी चीन का पारा और चढ़ने के आसार हैं। चीन का एक दस्तावेज इस बीच सामने आया है। इसमें ताइवान को बलपूर्वक कब्जे में करने की बात लिखी गई है। इस दस्तावेज के आने के बाद अमेरिका की चिंता भी स्वाभाविक रूप से बढ़ी होगी। अमेरिका ने ताइवान को चीन के किसी भी हमले से बचाव की गारंटी दे रखी है।
चीन ने हाल ही में अपना पुराना संकल्प दोहराया है कि वो हर हाल में ताइवान को खुद में शामिल करेगा। उसने ये भी धमकी दी है कि अगर शांति से ऐसा न हुआ, तो बल प्रयोग कर वो ताइवान पर कब्जा करेगा। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के दस्तावेज में भी यही बात लिखी है। बीते दिनों चीन ने इस दस्तावेज को जारी किया था। इसमें लिखा है कि हम ताइवान से शांतिपूर्ण मेल की कोशिश करेंगे, लेकिन अगर ताइवान ने विरोध किया, तो इस बार और बड़े विकल्प को चीन की कम्युनिस्ट सरकार इस्तेमाल में लाएगी। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक ताइवान पर देश का ये तीसरा दस्तावेज है। पहला दस्तावेज साल 1993 में आया था। जबकि, 2007 में ऐसा ही दूसरा दस्तावेज जारी किया गया था।
बता दें कि नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद चीन लगातार उसके आसपास जबरदस्त युद्धाभ्यास में जुटा था। उसने ताइवान के चारों तरफ मिसाइलें दागी थीं। चीन की कुछ मिसाइलें जापान तक जाकर गिरी थीं। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हालात पर चिंता जताई थी। वहीं, ताइवान ने भी चीन का रुख देखते हुए सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया था। चीन का सैन्य अभ्यास फिलहाल खत्म हो गया है, लेकिन अब भी उसके विमान और नौसेना के युद्धपोत ताइवान की रक्षा सीमा को लगातार पार कर रहे हैं।