बीजिंग। अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी के प्रस्तावित ताइवान दौरे से बौखलाकर चीन ने अब अमेरिका से जंग की धमकी देनी शुरू कर दी है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी PLA ने अपने देश की माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट वेइबो Weibo पर ये धमकी दी है। पीएलए ने वेइबो पर एक पोस्ट में लिखा है, ‘देशवासियों युद्ध के लिए तैयार रहो।’ बता दें कि दो दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से करीब पौने तीन घंटे की बातचीत में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी आग से न खेलने की चेतावनी दी थी। जिनपिंग ने बाइडेन से कहा था कि आग से खेलने वाले के लिए खुद भी जलने का खतरा रहता है।
PLA’s 80th Group Army posts a brief message on official Weibo account: “prepare for war”.
We are likely to notice some brinkmanship by PLA over next few days ahead of Pelosi visit. They have started with the ratcheting up the rhetoric. pic.twitter.com/Cm15327NLh
— Aadil Brar (@aadilbrar) July 29, 2022
चीन दरअसल ताइवान को अपना ही हिस्सा मानता है। चीन लगातार ताइवान को धमकी देता रहता है। वहीं, अमेरिका हमेशा ताइवान के साथ खड़ा रहता है। ताइवान को अमेरिका से तमाम सैनिक मदद भी मिलती है। हालांकि, चीन हमेशा कहता रहता है कि अमेरिका की मदद का कोई मतलब नहीं है और एक न एक दिन वो ताइवान को अपने साथ मिलाकर दम लेगा। राष्ट्रपति शी जिनपिंग तो सार्वजनिक तौर पर ये बात कह चुके हैं कि जरूरत पड़ने पर ताइवान के मसले में चीन सैन्य कार्रवाई करने तक से पीछे नहीं हटेगा।
इस बार नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा ने चीन को आगबबूला कर दिया है। अगर पेलोसी ताइवान के दौरे पर जाती हैं, तो 25 साल बाद वो इस देश का दौरा करने वाली अमेरिका की बहुत बड़ी संवैधानिक शख्सियत होंगी। इससे पहले प्रतिनिधि सभा के ही स्पीकर रह चुके न्यूट गिंगरिच ने ताइवान का दौरा किया था। पेलोसी के प्रस्तावित दौरे और चीन के गुस्से के बारे में अमेरिका स्थित ताइवान के प्रतिनिधि के दफ्तर की राजनीतिक शाखा के पूर्व डायरेक्टर विंसेंट चाओ ने कहा कि ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन हर विवाद को टालने की कोशिश लगातार करती हैं, लेकिन वो देश की अखंडता हर हाल में बनाए रखेंगी। वहीं, ताइपे में सेंट्रल पुलिस यूनिवर्सिटी में रक्षा मामलों के विशेषज्ञ आर्थर झिन शेन वांग ने मीडिया से कहा कि इस मामले में जंग के आसार नहीं दिखते। बाइडेन और जिनपिंग की बातचीत इसी ओर इशारा करती है।