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Covid: अमेरिका के अस्पतालों में बेड हो रहे फुल, ब्रिटेन समेत यूरोप में भी कोरोना से हालात गंभीर

अमेरिका के डॉक्टर फहीम यूनुस ने बताया है कि उनके हॉस्पिटल में सभी कोरोना मरीजों को वेंटिलेटर पर रखना पड़ा है। वो यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड में महामारी मामलों के प्रमुख हैं। अमेरिका में कैलिफोर्निया के अस्पतालों में सभी बेड भरे हुए हैं।

वॉशिंगटन। कोरोना के नए मरीजों की भरमार से दुनियाभर में हाहाकार मचा है। खासकर अमेरिका में हालात गंभीर हैं। हर रोज अमेरिका में 10 लाख से ज्यादा कोरोना मरीज मिल रहे हैं। अस्पतालों में बेड भर गए हैं। हालांकि, आईसीयू में मरीज कम हैं। उधर, अमेरिका के डॉक्टर फहीम यूनुस ने बताया है कि उनके हॉस्पिटल में सभी कोरोना मरीजों को वेंटिलेटर पर रखना पड़ा है। वो यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड में महामारी मामलों के प्रमुख हैं। अमेरिका में कैलिफोर्निया के अस्पतालों में सभी बेड भरे हुए हैं। यहां हॉस्पिटल एसोसिएशन के कियोमी बर्चिन ने बताया कि अस्पतालों में कर्मचारियों की भी कमी हो गई है। न्यूयॉर्क, केंटुकी, फ्लोरिडा और टेक्सास में भी हालात गंभीर होते जा रहे हैं।

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कोरोना का असर अमेरिका के लॉस एंजेलेस में होने वाले ग्रैमी अवॉर्ड्स पर भी पड़ा है। ये समारोह 31 जनवरी को होना था। इसे हालात की गंभीरता को देखते हुए स्थगित कर दिया गया है। ग्रैमी अवॉर्ड्स काफी प्रतिष्ठित माने जाते हैं और मुख्य रूप से संगीत की दुनिया में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए दिए जाते हैं। इस प्रोग्राम को क्रिप्टो डॉट कॉम एरीना में होना था। ग्रैमी देने वाली एकेडमी का कहना है कि शहर और राज्य के अफसरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों से गहन विचार के बाद कार्यक्रम स्थगित करने का फैसला लेना पड़ा है। इससे पहले कभी भी ग्रैमी अवॉर्ड्स को रद्द या स्थगित नहीं किया गया था।

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यूरोप में भी कोरोना और ओमिक्रॉन ने हाहाकार मचा रखा है। देश के 13 लाख लोगों में लंबे समय तक कोरोना की बीमारी देखी जा रही है। करीब 9 लाख लोग 3 महीने तक कोरोना की गिरफ्त में रहे। ब्रिटेन में गुरुवार को करीब 2 लाख और कोरोना मरीज मिले हैं और 343 लोगों की जान गई है। चीन के तमाम शहरों में भी हालात गंभीर हो रहे हैं। सबसे पहले चीन में ही कोरोना वायरस मिला था। ये वुहान से फैला है। वुहान में एक वायरस लैब है। चीन पर आरोप लगता रहा है कि वुहान लैब से ही कोरोना का वायरस उसने दुनिया में फैला दिया। हालांकि, अब चीन के शहरों में भी हालात गंभीर रूप लेते दिख रहे हैं। कई जगह चीन की सरकार ने लॉकडाउन लगाया है।