
न्यूयॉर्क। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को आतंकवाद के मसले पर चीन और उसके दोस्त पाकिस्तान को जमकर खरी-खोटी सुनाई। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा तथा सुधारित बहुपक्षवाद के लिए नई दिशा संबंधित विषय पर उन्होंने बोलते हुए चीन और पाक को घेरा। जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद को सही बताने और साजिश रचने वालों को बचाने के लिए बहुपक्षीय मंचों का दुरुपयोग किया जा रहा है। जयशंकर सुरक्षा परिषद में भारतीय पक्ष की राय रख रहे थे। सुरक्षा परिषद के निर्वाचित सदस्य के तौर पर भारत का कार्यकाल इस महीने खत्म हो जाएगा। ये सदस्यता 2 साल के लिए थी।
#WATCH | “Hosting Osama Bin Laden…” EAM Dr S Jaishankar’s sharp response to Pakistan FM Bhutto after ‘Kashmir remark’ in United Nations pic.twitter.com/jiyVVW2jrn
— ANI (@ANI) December 14, 2022
जयशंकर ने खुली बैठक में कहा कि संघर्ष ने दुनिया में ऐसी हालत बनाई है कि बहुपक्षीय मंच पर चलताऊ रवैया अब नहीं चलने वाला है। आतंकवाद की चुनौती पर दुनिया में एकजुट प्रतिक्रिया है, लेकिन आतंकी साजिश रचने वालों को उचित ठहराने और बचाने के लिए ऐसे मंचों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल जरदारी भुट्टो की तरफ से इस मामले को उठाए जाने पर कहा कि जिस देश में ओसामा बिन लादेन जैसों को पनाह मिली हो, उसे इस मामले में खुद को देखने की जरूरत है।
जयशंकर ने कहा कि सुरक्षा परिषद जैसे मंचों से अपराधियों को बचाने का काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई और न्याय की बात होती है, तो स्थिति यहां भी बेहतर नहीं है। जयशंकर ने कहा कि संबंधित मसलों को उचित मंच से हल करने की जगह ध्यान भटकाने और भ्रमित करने की कोशिशें होती हैं। जयशंकर का ये बयान इस वजह से आया है, क्योंकि इसी साल चीन ने पाकिस्तान परस्त आतंकियों के खिलाफ प्रतिबंध की भारत की कोशिशों पर सुरक्षा परिषद में रोक लगाई थी। इन आतंकियों में साजिद मीर, अब्दुल रहमान मक्की, अब्दुल रऊफ और शाहिद महमूद शामिल हैं।