इस्लामाबाद। पाकिस्तान (Pakistan) में एक बार फिर हिंदू मंदिर (Hindu Temple) को नुकसान पहुंचाने का मामला सामने आया है। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में एक आक्रामक भीड़ ने एक हिंदू संत के मंदिर में तोड़फोड़ की और उसे क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना करक जिले के तेरी इलाके में हुई। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक विचलित करने वाले वीडियो में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी मंदिर की दीवारों को गिराते हुए साफ तौर पर देख सकते है। करक जिले के पुलिस अधिकारियों ने घटना की पुष्टि की है।
Today in Naya Pakistan: Hindu temple set ablaze and razed to the ground by a charged mob led by clerics in Karak, Khyber Pakhtunkhwa. pic.twitter.com/6v1mkXnqgB
— Naila Inayat नायला इनायत (@nailainayat) December 30, 2020
फिलहाल वजह का अब तक पता नहीं चल सका है, लेकिन ये दर्शाता है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के प्रति मुस्लिमों का क्या रवैया है। बता दें कि ये कोई पहला मामला नहीं जब हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की गई हो। इससे पहले अक्टूबर में, पाकिस्तान के दक्षिण-पूर्व सिंध प्रांत में एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी। वहीं इस बीच खबर आ रही है कि पाकिस्तान में बुधवार को हिंदू मंदिर में की गई तोड़फोड़ के आरोप में पुलिस ने अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है।
इमरान सरकार पर लोगों का फूटा गुस्सा
वहीं इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर इमरान खान (Imran Khan) सरकार की जमकर आलोचना हो रही है।
वहीं इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के गवाह एक स्थानीय निवासी ने कहा, एक धार्मिक पार्टी के कुछ स्थानीय बुजुर्गों के नेतृत्व में एक हजार से अधिक लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और हिंदू पूजा स्थल को हटाने की मांग की। उन्होंने कहा, वे मंदिर के बाहर इकट्ठा हुए, भाषण दिया .. फिर मंदिर की ओर बढ़े और उस पर हमला कर दिया। 1920 से पहले बनाया गया यह मंदिर एक ऐतिहासिक पूजा स्थल था।
इलाके के एक अन्य स्थानीय निवासी ने कहा, मंदिर में तोड़फोड़ करने से पहले भीड़ ने उसमें आग लगा दी। हिंदू समुदाय के एक व्यक्ति के निमार्णाधीन मकान को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि आसपास के गांवों के लोगों ने हिंदू मंदिर को हटाने की मांग के साथ एक विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी, लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
करक जिला के पुलिस अधिकारी इरफानुल्ला ने कहा, लोगों ने विरोध का आह्वान किया था, लेकिन एक आश्वासन के साथ कि यह शांतिपूर्ण होगा। हालांकि, मौलवी ने भीड़ को उकसाया, जिसके बाद वे धर्मस्थल पर हमला करने के लिए आगे बढ़े। उन्होंने कहा, मंदिर के रखवालों ने चोरी छुपे मंदिर के पास ही एक घर को कब्जे में ले लिया था। प्रदर्शनकारी इसके निर्माण के खिलाफ थे क्योंकि उनका कहना था कि मंदिर का विस्तार किया जा रहा है। इरफानुल्ला ने कहा कि इलाके में कोई हिंदू नहीं है। उन्होंने कहा, भीड़ ने निमार्णाधीन मकान को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसके चलते पास में स्थित मंदिर को भी नुकसान पहुंचा। प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।
पाकिस्तान के संघीय मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने इस घटना की निंदा की। उन्होंने खैबर पख्तूनख्वा सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि दोषियों को सजा मिले। उन्होंने कहा, खैबर पुख्तुन्ख्वा के करक में एक भीड़ द्वारा एक हिंदू मंदिर को जलाने की कड़ी निंदा करता हूं। सरकार को दोषियों को सजा दिलानी चाहिए। उन्होंने कहा, सभी नागरिकों और उनके पूजा स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है।