लंदन। ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन यानी BBC। बीबीसी ऐसे तो खूब प्रचार करता है कि वह हर तरह के भावनाओं को मंच देता है। ब्रिटेन का ये पब्लिक ब्रॉडकास्टर खुद को पूरी दुनिया में सबसे बेहतर न्यूज और व्यूज देने का भी दावा करता है, लेकिन दीया तले अंधेरा की कहावत बीबीसी पर सटीक बैठती है। बीबीसी के खाने के दांत और दिखाने के दांत अलग हैं। इसका एक नजारा हाल ही में नजर आया। बीबीसी का एक प्रोग्राम अफगानिस्तान पर चल रहा था। उसमें अमेरिका से भी गेस्ट जुड़े थे। चर्चा इस पर हो रही थी कि पाकिस्तान का अफगानिस्तान के मसलों में कितना हाथ है। यहां अमेरिकी गेस्ट ने पाकिस्तान की पोल खोलनी शुरू कर दी। बस फिर क्या था, हर तरह की आवाजों को अपने मंच पर जगह देने का दावा करने वाले बीबीसी के प्रोग्राम चलाने वालों को पसीना आने लगा। एंकर ने पहले अमेरिकी गेस्ट की जुबान से बीबीसी के मतलब की बात कहलाने की कोशिश की, लेकिन गेस्ट थीं कि वह अपनी बात से पलटना नहीं चाह रही थीं।
गेस्ट ने बोलना जारी रखा। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में आग लगी हो, तो पाकिस्तान उसे बुझाने का महज दिखावा करता है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान ही नहीं, भारत में भी पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद फैलाया जाता है। बस इतना कहते ही बीबीसी की एंकर को शायद कहा गया कि पाकिस्तान की पोल खोलने का ये अंदाज सूट नहीं कर रहा। एंकर ने अब गेस्ट को रोकने की कोशिश शुरू कर दी और फिर उनको चुप कराकर ही दम लिया।
It’s not that what @PhilippaBBC did – shutting down a guest exposing Pakistan – was outrageous but that @BBCWorld is now a wiling propagandist for the Pakistani terror manufacturing state and anyone with a contrary view is simply shut down.
— Akhilesh Mishra (@amishra77) September 5, 2021
बता दें कि बीबीसी का ये अंदाज पहली बार नहीं दिख रहा है। विवादों से उसका पुराना नाता है। जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान और लद्दाख को चीन का हिस्सा बताने वाला बीबीसी मोदी विरोधी अभियान चलाने वालों को भी मंच देने से बाज नहीं आता। भारत में कोराना की दूसरी लहर के दौरान भी बीबीसी का सरकार विरोधी रवैया साफ नजर आया था।