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Diwali: भारत नहीं इस देश की सरजमीं पर दिवाली की धूम, स्थानीय समुदाय के 2 राजाओं ने जश्न मनाने में की मदद

South Africa Diwali: भारतीय मूल के लोगों के अलावा इसमें दक्षिण अफ्रीका(South Afirca)के दोनों समुदाय के लोग भी शामिल हुए। इस दौरान लोगों ने गीत गाए गए और नृत्य प्रस्तुतियां भी दी गईं।

नई दिल्ली। दीपावली को लेकर सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में तैयारी देखी जा रही है। जहां भारत में कोरोना संकट बीच दीपावली को लेकर एहतियात के साथ मनाने की कोशिशें हैं तो वहीं दक्षिण अफ्रीका में भी इस त्योहार को लेकर एक अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है। बता दें कि दिवाली का जश्न मनाने में पहली बार स्थानीय समुदायों के दो राजाओं ने मदद की। तटीय शहर डरबन से 30 किलोमीटर उत्तर में नोंगोमा में दक्षिण अफ्रीका के सबसे बड़े जनजातीय समुदाय ज़ूलस के सम्राट, किंग गुडविल ज्वेलिथिनी के ओशुथु रॉयल पैलेस में त्योहार मनाया गया। अमांडेबेले समुदाय के राजा मखोसोके द्वितीय भी जश्न में शामिल हुए। इस उत्सव का आयोजन ‘शिवानंद वर्ल्ड पीस फाउंडेशन’ के प्रमुख प्रोफेसर ईश्वर रामलक्ष्मण ने किया था, जो भारतीय मूल के एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें जूलु राष्ट्र के राजकुमार के रूप में मान्यता दी गई थी।

Diwali-2019

भारतीय मूल के लोगों के अलावा इसमें दक्षिण अफ्रीका के दोनों समुदाय के लोग भी शामिल हुए। इस दौरान लोगों ने गीत गाए गए और नृत्य प्रस्तुतियां भी दी गईं। जूलु के राजा द्वारा वार्षिक रूप से आयोजित किए जाने वाले दिवाली के जश्न में आमतौर पर हजारों लोग आते हैं, लेकिन कोविड-19 से जुड़े प्रतिबंधों की वजह से इस बार केवल 200 लोग ही इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

diwali

ज्वेलिथिनी ने कहा, ‘‘यहां इस साम्राज्य में और पूरे विश्व में रोशनी का यह त्योहार मनाने वालों को शुभ दीपावली।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हिंदुओं, जैन, सिख और बौद्ध समुदायों के लोगों के लिए दीप जलाना, यह याद करने का एक मौका है कि अंधेरे के बीच भी अंततः रोशनी होगी। अज्ञान पर ज्ञान की जीत होगी, निराशा पर करुणा की विजय होगी।’’