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नेपाल के बाद चीन के तेवर पड़ रहे नरम, अब कहा बातचीत से निकालना होगा हल

भारत के सख्त रुख को देखते हुए चीन ने अपने रुख में नरमी के संकेत दिए हैं। भारत में चीनी राजदूत सुन वाइडोंग ने आज बयान जारी करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच अपार संभावनाएं हैं।

बीजिंग। चीन कोरोनावायरस मुद्दे पर उठ रहे सवालों के बीच दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए सीमाई इलाकों में हलचल बढ़ा रहा है। जिसकी वजह से लगातार चीनी सेना भारतीय लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर निर्माण कार्य कर रही है। यही वजह है कि लद्दाख सीमा पर भारत और चीनी सेनाओं के बीच तनातनी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। दोनों ओर से सेनाओं का जमावड़ा है।

इस बीच भारत के सख्त रुख को देखते हुए चीन ने अपने रुख में नरमी के संकेत दिए हैं। भारत में चीनी राजदूत सुन वाइडोंग ने आज बयान जारी करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच अपार संभावनाएं हैं। दोनों देश के युवाओं को मिल कर काम करना है। हमें बेहतर संबंध बनाने होंगे। बातचीत से विवाद को सुलझाया जा सकता है।

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चीनी राजदूत सुन वेईडोंग ने कहा चीन और भारत इस समय कोविड19 के खिलाफ एक साथ लड़ रहे हैं और हमारे पास संबंधों को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कार्य है। हमारे युवाओं को चीन और भारत के बीच संबंध का एहसास होना चाहिए, दोनों देशों के पास देश एक-दूसरे के लिए अवसर हैं और कोई खतरा नहीं है। मौजूदा संकट के बारे में उन्होंने कहा कि हमें कभी भी अपने संबंधों में अंतर नहीं आने देना चाहिए। हमें संचार के माध्यम से मतभेदों को हल करना चाहिए।

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भारत ने चीन की डिप्लोमेटिक घेराबंदी शुरू की

लद्दाख के पास एक चाइनीज हवाई पट्टी की वजह से भारत और चीन आमने सामने हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद हालात पर नजर बनाए हुए हैं। इसी बीच दिल्ली में आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस हो रही है। इस कॉन्फ्रेंस में नॉर्दर्न और ईस्टर्न कमांड के कमांडर्स ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है। कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में इस रिपोर्ट पर समीक्षा हो रही है। इसी बीच भारत ने चीन की डिप्लोमेटिक घेराबंदी शुरू कर दी है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के रक्षामंत्री से बात की है। भारत ने 3 हजार 488 किलोमीटर की एलएसी पर तैनाती मजबूत कर दी है।