टोरंटो। एक डॉक्यूमेंट्री में मां काली की बेइज्जती के मामले में उपजे जोरदार विरोध के बाद कनाडा में भारतीय उच्चायोग ने फिल्म और उसके पोस्टर से आपत्तिजनक सामग्री हटाने का आग्रह आगा खान म्यूजियम के कर्ताधर्ताओं से किया है। कनाडा में भारतीय उच्चायोग ने इस मामले में चिट्ठी लिखकर आपत्तिजनक सामग्री हटाने का आग्रह किया। पत्र में लिखा गया है कि हमें कनाडा में हिंदू समुदाय के नेताओं से आगा खान संग्रहालय में ‘अंडर द टेंट’ योजना के रूप में प्रदर्शित होने वाली फिल्म के पोस्टर में हिंदू देवी-देवता के अपमान के बारे में शिकायत मिली है। उच्चायोग ने लिखा है कि हमने कार्यक्रम के आयोजकों को इस बारे में जानकारी दी है।
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— India in Canada (@HCI_Ottawa) July 4, 2022
भारतीय उच्चायोग ने लिखा है कि हमें ये भी बताया गया है कि इस मामले में कई हिंदू समूहों और लोगों ने संपर्क किया है। हमने कनाडा के अफसरों से इस बारे में बात की है। कनाडा के अफसरों और कार्यक्रम के आयोजकों से ऐसी सामग्री वापस लेने का हम आग्रह करते हैं। भारतीय उच्चायोग की ओर से जारी इस चिट्ठी के बाद लोगों ने कदम पर खुशी जताई है। फिल्म का पोस्टर सामने आने के बाद दुनियाभर से हिंदुओं ने कनाडा सरकार और वहां के पीएम जस्टिस ट्रूडो को ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया माध्यमों के जरिए फिल्म पर रोक लगाने की मांग की थी। वहीं, फिल्म की निर्माता पर दिल्ली में केस भी दर्ज कराया गया है।
मामला ये है कि टोरंटो में आगा खान म्यूजियम में फिल्म निर्माता लीना मणि मेक्कलाई ने अपनी डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शन से पहले ट्विटर पर उसका पोस्टर रिलीज किया। फिल्म का नाम ‘काली’ है। उसके पोस्टर में मां काली को सिगरेट पीते दिखाया गया। हाथ में LGBTQ का झंडा भी दिखाया गया। इस पोस्टर के सामने आने के बाद हंगामा मच गया। भारत के अलावा कई देशों के हिंदुओं ने फिल्म पर रोक लगाने और लीना पर कार्रवाई की मांग की। पहले लीना ने कहा कि वो किसी भी सूरत में पोस्टर वापस नहीं लेंगी। बाद में उन्होंने अपनी ट्वीट को डिलीट कर दिया।