पैरामटा। ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स की जेल में बंद भारतीय मूल के छात्र विशाल जूड को कोर्ट ने रिहा करने का फैसला किया है। विशाल को 15 अक्टूबर को रिहा कर दिया जाएगा। उस पर 11 आरोप लगाए गए थे। ऑस्ट्रेलिया में ठिकाना बनाए खालिस्तानियों ने विशाल जूड पर हमला करने का आरोप लगाया था, जबकि विशाल के वकीलों का कहना था कि खालिस्तानी तत्व तिरंगे का अपमान कर रहे थे। उन्हें विशाल ने रोककर भारतीय ध्वज का सम्मान बचाना चाहा था। पैरामटा कोर्ट के मजिस्ट्रेट के सामने न्यू साउथ वेल्स के सरकारी वकील ने विशाल पर लगे 8 आरोप खत्म करने की अर्जी दी थी। जिसे मजिस्ट्रेट के. थॉमसन ने मंजूर करते हुए विशाल को 15 अक्टूबर को रिहा करने का आदेश जारी कर दिया। विशाल ने 3 छोटे आरोपों को स्वीकार कर लिया था। उस पर ये आरोप 16 सितंबर 2020 और 14 फरवरी 2021 को हुई घटना के संबंध में लगाए गए थे।
बता दें कि इस साल 26 जनवरी को लालकिले पर हुई हिंसा के बाद दुनिया के कई देशों में खालिस्तानी तत्वों ने भारतीय दूतावास और उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया था। इन प्रदर्शनों के दौरान भारतीय तिरंगे का अपमान करने की घटनाएं हुई थीं। ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स में भी 14 फरवरी को प्रदर्शन के दौरान तिरंगे का अपमान हो रहा था। जिसे रोकने के लिए विशाल जूड ने कोशिश की। इस पर खालिस्तानी तत्वों ने उनपर हिंसा और भेदभाव का आरोप लगाते हुए फर्जी केस दर्ज करा दिया था।
आज सुबह कोर्ट में सुनवाई के दौरान विशाल के वकील ने ऐसे वीडियो सबूत पेश किए, जिनसे साफ पता चल रहा था कि खालिस्तानी तत्वों ने विशाल को उकसाया और उसके बाद सारी घटना को अपने खिलाफ दिखाकर पुलिस के सामने पेश किया। ऑस्ट्रेलिया की वेबसाइ ‘ऑस्ट्रेलिया टुडे’ के मुताबिक मजिस्ट्रेट ने तीन छोटे आरोपों में विशाल को 16 अप्रैल 2021 से छह महीने की सजा सुनाई है। जिसे काटकर वह 15 अक्टूबर को जेल से रिहा हो जाएगा। खालिस्तानी तत्वों ने विशाल के खिलाफ दुनियाभर में गलत प्रचार किया। सिडनी में स्थित खालिस्तान समर्थकों ने इस दुष्प्रचार को करने में बड़ी भूमिका अदा की।