नई दिल्ली। अफगानिस्तान पर कब्जा कर अपनी सरकार स्थापित करने में जुटा तालिबान भले ही खुद को बदला हुआ साबित करना चाह रहा हो लेकिन उसका असली चेहरा धीरे-धीरे सामने आ रहा है। पहले महीलाओं के लिए हिजाब जरूरी, फिर उन्हें काम न करने देने के बाद अब तालिबान का महिलाओं के लिए एक और फरमान जारी हुआ है। महिला विरोधी बयान देते हुए तालिबान ने कहा है कि कामकाजी महिलाएं फिलहाल घर पर ही रहें क्योंकि उनके लड़ाकों को महिलाओं का सम्मान करने की ट्रेनिंग नहीं दी गई है।
अफगानिस्तान में कामकाजी महिलाओं को तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने तब तक घर पर रहने को कहा जब तक कि उनकी सुरक्षा को पक्का करने के लिए जरूरी व्यवस्था नहीं हो जाती, उन्होंने कहा है कि यह एक बहुत ही अस्थायी प्रक्रिया है। मंगलवार को काबुल में संवाददाताओं से जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि तालिबान की ओर से महिला सरकारी कर्मचारियों के काम पर लौटने के लिए प्रक्रियाओं पर काम किया जा रहा है लेकिन फिलहाल उन्हें “सुरक्षा” कारणों से घर पर ही रहना चाहिए। तालिबान के बयान के बाद से ये समझा जा सकता है कि उसके द्वारा दिए जा रहे बयान जिसमें वो खुद को पहले से बदला हुआ बता रहा है वो सिर्फ ढकोसला है। अब भी उसकी सोच वहीं पुराने तालिबान वाली है जिसमें महिलाओं को बेड़ियों में जकड़कर रखा जाता था।
काबुल एयरपोर्ट के बाहर दो आत्मघाती हमले
बीते दिन काबुल एयरपोर्ट के बाहर दो आत्मघाती हमले हुए थे जिसकी जिम्मेदारी आतंकी संगठन ISIS के खोरासान गुट ने ली है। इन हमलों में कम से कम 72 लोगों की जान चली गई और 150 से ज्यादा लोग बुरी तरह घायल हुए हैं। मरने वालों में अमेरिका के 13 सैनिक भी हैं। इस वारदात के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि हमलावरों को बख्शा नहीं जाएगा। भारतीय समय के मुताबिक देर रात पौने तीन बजे बाइडेन ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की खातिर काबुल एयरपोर्ट के बाहर सुरक्षा बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा कि इस हमले को अंजाम देने वालों के साथ-साथ अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की इच्छा रखने वाले लोग जान लें कि उन्हें माफ नहीं किया जाएगा। अमेरिका हर हाल में उन्हें तलाशकर मारेगा। बाइडेन ने कहा कि हम अपने लोगों के हितों की रक्षा करेंगे।