काबुल/वॉशिंगटन। काबुल एयरपोर्ट के बाहर दो आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी आतंकी संगठन ISIS के खोरासान गुट ने ली है। इन हमलों में 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और 150 से ज्यादा लोग बुरी तरह घायल हुए हैं। मरने वालों में अमेरिका के 13 सैनिक भी हैं। इस वारदात के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि हमलावरों को बख्शा नहीं जाएगा। भारतीय समय के मुताबिक देर रात पौने तीन बजे बाइडेन ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की खातिर काबुल एयरपोर्ट के बाहर सुरक्षा बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा कि इस हमले को अंजाम देने वालों के साथ-साथ अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की इच्छा रखने वाले लोग जान लें कि उन्हें माफ नहीं किया जाएगा। अमेरिका हर हाल में उन्हें तलाशकर मारेगा। बाइडेन ने कहा कि हम अपने लोगों के हितों की रक्षा करेंगे।
इस बीच, आईएसआईएस ने कहा कि उसने अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाया है। बता दें कि काबुल में एयरपोर्ट के बाहर बड़ी तादाद में भीड़ जुटी हुई है। उसी दौरान हमलों की वजह से इतने लोगों को जान गंवानी पड़ी है। अमेरिका ने इस बीच सुरक्षा बढ़ाने के लिए एयरपोर्ट अपाचे हेलीकॉप्टर और एफ-15 विमान भी तैनात किए गए हैं। हमलावर रीपर ड्रोन भी लगाए गए हैं। उधर, तालिबान ने हमले की निंदा की है।
आईएसआईएस का खोरासान गुट ईरान, अफगानिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के इलाकों में सक्रिय है। साल 2012 में ये गुट बना था। आतंकी संगठन का ये सबसे खतरनाक गुट माना जाता है। ये संगठन तालिबान छोड़ने वालों को साथ लेता है। चेचेन और उज्बेक आतंकी इसमें हैं। इसमें अल-कायदा के आतंकी भी शामिल हैं।