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Nawaz Sharif: 4 साल के खुद तय किए निर्वासन के बाद आज लंदन से पाकिस्तान लौट रहे नवाज शरीफ, जानिए सियासी असर और पीएमएल-एन के नेता के सामने क्या हैं चुनौतियां

हालांकि, अब देखना ये है कि अगर नवाज शरीफ अपनी पार्टी पीएमएल-एन को संसद के चुनाव में सत्ता तक पहुंचा भी देते हैं, तो क्या चौथी बार पीएम बन सकेंगे? इसकी वजह ये है कि भले ही फिलहाल कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई हो, लेकिन भ्रष्टाचार के मामले में नवाज शरीफ अब भी सजायाफ्ता हैं।

इस्लामाबाद। 3 बार पाकिस्तान के पीएम रहे और पीएमएल-के नेता नवाज शरीफ आज 4 साल बाद अपने वतन लौट रहे हैं। नवाज शरीफ को साल 2018 में अल-अजीजिया मिल्स और एवेनफील्ड के भ्रष्टाचार मामलों में दोषी ठहराते हुए कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई थी। नवाज शरीफ जेल गए थे। इसके बाद 2019 में नवाज शरीफ ने तबीयत खराब होने की बात कहकर लंदन इलाज के लिए जाने की मंजूरी मांगी। मंजूरी मिलने पर वो लंदन चले गए और तभी से खुद तय किए निर्वासन के तहत वहां रह रहे थे। लंदन में रहने के दौरान ही नवाज शरीफ की पत्नी कुलसूम का भी निधन हो गया था। पाकिस्तान की एक अदालत ने अभी नवाज शरीफ को गिरफ्तार करने पर रोक लगाई है। जिसके बाद वो फिर पाकिस्तान लौट रहे हैं। पाकिस्तान में संसद के चुनाव होने हैं और माना जा रहा है कि 73 साल के नवाज शरीफ एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरेंगे। उनके भाई शहबाज शरीफ ने कुछ समय पहले तक पाकिस्तान के पीएम का पद संभाला था।

नवाज शरीफ के पाकिस्तान लौटने से जेल में बंद पूर्व पीएम इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को संसद के चुनाव में दिक्कत हो सकती है। अब तक नवाज शरीफ लंदन में थे और कुछ ही मसलों पर बयान देते थे। अब पाकिस्तान की धरती पर कदम रखते ही वो अपने प्रतिद्वंद्वी इमरान खान और उनकी पार्टी को बख्शने वाले तो नहीं दिखते। खास बात ये है कि नवाज शरीफ 3 बार पाकिस्तान के पीएम रहे हैं और दो बार उन्होंने निर्वासन झेला है। तय है कि अपने 2 बार के इस निर्वासन को नवाज शरीफ जरूर मुद्दा बनाएंगे और भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल गए इमरान खान को अपने इस हालात के लिए जिम्मेदार ठहराएंगे। इसके अलावा इमरान खान के दौर में पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली और लगातार बढ़ती महंगाई को भी नवाज शरीफ संसद के चुनाव के दौरान मुद्दा बना सकते हैं।

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साल 2018 में भ्रष्टाचार के मामलों में नवाज शरीफ को कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई थी।

हालांकि, अब देखना ये है कि अगर नवाज शरीफ अपनी पार्टी पीएमएल-एन को संसद के चुनाव में सत्ता तक पहुंचा भी देते हैं, तो क्या चौथी बार पीएम बन सकेंगे? इसकी वजह ये है कि भले ही फिलहाल कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई हो, लेकिन भ्रष्टाचार के मामले में नवाज शरीफ अब भी सजायाफ्ता हैं। किसी बड़ी अदालत से नवाज शरीफ को अब तक राहत नहीं मिल सकी है। इसके अलावा पीएम बन भी गए, तो भी पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली दूर करने और आम लोगों को महंगाई से तुरंत राहत दिलाने का बड़ा काम भी उनको अंजाम तक पहुंचाना होगा। फिलहाल नवाज शरीफ के पाकिस्तान लौटने से भारत के पड़ोसी देश में सियासत काफी रोचक मोड़ ले सकती है।