वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दावा किया है कि अमेरिका ने अफगानिस्तान से इतने लोगों को बाहर निकाला, जितना इतिहास में कभी किसी देश ने नहीं किया, लेकिन बाइडेन का ये दावा झूठ का पुलिंदा साबित हो रहा है। अगर किसी देश ने सबसे ज्यादा अपने नागरिकों को किसी देश से संकट के वक्त बाहर निकाला है, तो वह भारत है। जरा आंकड़ों को सामने रखकर बाइडेन के झूठ का पर्दाफाश कर लेते हैं। काबुल से अमेरिका ने 5100 अमेरिकी नागरिकों समेत करीब 14000 लोगों को 14 से 30 अगस्त तक निकाला। इनमें अमेरिकी सैनिक भी हैं। जबकि, भारत ने 1990 में पहले खाड़ी युद्ध के दौरान कुवैत से ही अपने करीब पौने 2 लाख लोगों को एयरलिफ्ट किया था। एयर इंडिया के विमान लगातार कुवैत एयरपोर्ट से उड़ान भर रहे थे और भारतीयों को वतन ला रहे थे। इस पूरी घटना पर ‘एयरलिफ्ट’ नाम से अक्षय कुमार की फिल्म भी है।
अब बाइडेन के दूसरे झूठ का खुलासा भी कर देते हैं। इस साल जनवरी में राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडेन ने कहा कि 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से वह अमेरिकी सैनिकों को वापस बुला लेंगे। फिर यह तारीख बदलकर 31 अगस्त 2021 की गई। बाइडेन ने जब अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने का एलान किया, तो अमेरिकी मीडिया ने उनसे जानना चाहा कि फिर अफगानिस्तान का क्या होगा ? इस पर बाइडेन ने कहा कि अमेरिका ने अफगानिस्तान के 3 लाख, जी हां 3 लाख सैनिकों को ट्रेनिंग दी है और ये अफगान सैनिक 75 हजार तालिबान पर भारी पड़ेंगे, लेकिन नतीजा सबके सामने है। 3 लाख अफगान फौजियों ने तालिबान के सामने घुटने टेक दिए।
बाइडेन इससे पहले लगातार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर अफगानिस्तान के मसले पर गलत फैसले लेने का आरोप लगाते रहे। अब उनके दो झूठ की पोल खुल गई है। हालत ये है कि अफगानिस्तान में अब भी 1500 अमेरिकी नागरिक फंसे हुए हैं और बाइडेन की फौज वापस हो गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति अब कह रहे हैं कि इन सभी अमेरिकियों को भी हर हाल में निकाला जाएगा, लेकिन कैसे ? इस सवाल का जवाब देने से वह बच रहे हैं।