कीव। यूक्रेन पर रूस का हमला जारी है और इस बीच कई ऐसी खबरें भी सामने आ रही हैं, जो एक दूसरे खतरे की ओर इशारा कर रही हैं। खबरों के मुताबिक यूक्रेन में कई रास्तों में हथियारबंद लोग पलायन कर रहे लोगों की गाड़ियों को रोककर लूटपाट कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि लूटपाट की घटनाएं शाम ढलते ही शुरू हो रही हैं। ऐसे में रूसी हमले से किसी तरह बचकर भागते लोगों के लिए ये बड़ा संकट बन गया है। उन्हें अपने पास जो भी नकदी या कीमती सामान है, उससे हाथ धोना पड़ रहा है। रूस के हमले की वजह से हालांकि हर रास्ते पर यूक्रेन के सैनिक तैनात हैं, लेकिन लूटपाट के इन मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है।
उधर, यूक्रेन में अब अलगाववादी हिंसा भी भड़कने की आशंका विशेषज्ञ जता रहे हैं। उनका कहना है कि यूक्रेन की सरकार ने रूसी हमले से बचाने के लिए आम नागरिकों को ऑटोमैटिक खतरनाक हथियार दे दिए। इन हथियारों को अगर यूक्रेन की सरकार युद्ध के बाद हासिल नहीं कर पाती, तो इससे देश में अलगाववादी और आपराधिक हिंसा की घटनाओं में बढ़ोतरी हो सकती है। यूक्रेन की सरकार ने पिछले दिनों 18 से 60 साल तक के मर्दों को शहरों को छोड़कर कहीं और जाने से रोक दिया गया था। इसके बाद उन्हें हथियार बांटे गए थे।
Meanwhile, Ukraine is experiencing a wave of looting and robberies by unsavory individuals who’ve been issued guns by the authorities in the past two days. This group tried to rob a truck with groceries. ?#Ukrania pic.twitter.com/coVMdBDY6z
— Diana ?? (@dianagumarova) February 26, 2022
this is what being #russian puppet means.
detained #armenian citizen in the Kharkiv region of #Ukraine, engaged in sabotage and looting pic.twitter.com/qcmJNJPUrD
— Fz Hasansoy (@fzhasansoy) February 26, 2022
राजधानी कीव में करीब 18000 लोगों को हथियार देकर सेना के स्वयंसेवकों के तौर पर तैनात किया गया है। ये लोग कीव में जगह-जगह बंकर बनाकर वहां रूस की सेना से जंग लड़ने की तैयारी भी करते दिख रहे हैं। हथियार चलाने की सामान्य ट्रेनिंग की वजह से रूसी सेना के संभावित कीव हमले के दौरान ऐसे नागरिकों की बड़ी तादाद के जान गंवाने की भी आशंका पैदा हो गई है। आधुनिक युग में पहली बार ऐसा हो रहा है कि किसी देश की सरकार ने दुश्मन से लड़ने के लिए आम लोगों को हथियार दिए हैं। इसका बड़ा खामियाजा आगे चलकर यूक्रेन की सरकार और वहां के समाज को भुगतना पड़ सकता है।