newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Russia Attacks Ukraine: पहले दौर की बातचीत के बाद यूक्रेन की राजधानी पर रूस के भीषण हमले, बड़ी तादाद में बढ़ाई सेना

यूक्रेन अड़ा हुआ है कि रूस पहले हमला बंद करे और कब्जे वाले इलाकों से सैनिक हटाए।यूक्रेन इसके अलावा क्रीमिया और डोनबास इलाकों पर फिर से कब्जा भी चाहता है। उसका ये भी कहना है कि अगर वो नाटो में शामिल होता है, तो रूस इस पर आपत्ति न जताए।

कीव। यूक्रेन में पिछले गुरुवार से जारी रूसी हमला और तेज हो गया है। सोमवार को बेलारूस की सीमा के पास दोनों देशों के प्रतिनिधियों की बातचीत हुई। बातचीत में कुछ मुद्दों पर सहमति बनने की खबर सामने आई थी, लेकिन रूस की सेना ने रात को यूक्रेन की राजधानी कीव पर भीषण बमबारी जारी रखी। इससे युद्ध के फिलहाल खत्म होने के आसार कम दिख रहे हैं। इस बीच, अमेरिकी कंपनी मक्सार ने सैटेलाइट इमेज के आधार पर दावा किया है कि रूसी सेना के हजारों सैनिक कीव की ओर बढ़ रहे हैं। यूक्रेन के मरियापोल और खारकीव में भी यूक्रेनी और रूसी सैनिकों के बीच कई दिन से भीषण जंग छिड़ी हुई है।

रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधियों के बीच 5 घंटे तक बातचीत हुई। इसके बाद प्रतिनिधि अपने अपने देश लौट गए। रूसी प्रतिनिधिमंडल की ओर से बताया गया कि कुछ मसलों पर दोनों की राय एक है। उन्होंने ये भी बताया कि बातचीत का अगला दौर कुछ दिन में बेलारूस और पोलैंड की सीमा के पास होगा। रूसी दल के प्रमुख व्लादिमिर मेडिंस्की ने कहा कि बैठक में हर एजेंडे पर चर्चा हुई। सबसे बड़ी बात ये है कि यूक्रेन और हमने बातचीत को जारी रखने पर सहमति जताई है। दरअसल, रूस का इरादा यूक्रेन पर चंद दिनों में कब्जा करना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ऐसे में रूस अब बातचीत कर मसले का हल निकालना चाहता है। वहीं, यूक्रेन अड़ा हुआ है कि रूस पहले हमला बंद करे और कब्जे वाले इलाकों से सैनिक हटाए।

यूक्रेन इसके अलावा क्रीमिया और डोनबास इलाकों पर फिर से कब्जा भी चाहता है। उसका ये भी कहना है कि अगर वो नाटो में शामिल होता है, तो रूस इस पर आपत्ति न जताए। ये मांग रूस को मंजूर नहीं है। रूस लगातार आरोप लगा रहा है कि नाटो अपना विस्तार कर रहा है और अगर यूक्रेन भी उसमें शामिल होता है, तो रूस को खतरा पैदा हो जाएगा। साथ ही रूस ने यूक्रेन में नव नाजियों की सरकार और सेना के होने का आरोप भी लगाया है। बता दें कि क्रीमिया पर रूस ने काफी पहले कब्जा कर लिया था। वहीं, डोनबास इलाके में रूसी भाषा बोलने वाले अल्पसंख्यकों के विद्रोह को भी रूस समर्थन देता रहा है। हाल ही में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने डोनबास में दो अलग अलग देशों को मान्यता भी दी थी।