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नेपाल : पत्रकार की हुई संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, कुछ दिनों पहले नेपाली जमीन पर चीन के कब्जे का किया था खुलासा

नेपाल (Nepal) के एक पत्रकार (Reporter) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। कुछ दिनों पहले इन्होंने नेपाल की जमीन पर चीन के कब्जे का खुलासा किया था। इनका नाम है बलराम बनिया (Balram Baniya)। जिनकी आज संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है।

काठमांडू। नेपाल (Nepal) के एक पत्रकार (Reporter) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। कुछ दिनों पहले इन्होंने नेपाल की जमीन पर चीन के कब्जे का खुलासा किया था। इनका नाम है बलराम बनिया (Balram Baniya)। जिनकी आज संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है।

balram baniya

रिपोर्ट्स के मुताबिक, बलराम बनिया नेपाली नागरिक थे एक नेपाली अखबार में काम करते थे। वह बीते 10 अगस्त को रहस्यमय तरीके से लापता हो गए थे और 11 अगस्त, यानी कि मंगलवार को उनका शव नदी के किनारे मिला था। बता ने कि उन्होंने कुछ ही अरसा पहले ही भारत के साथ कालापानी सीमा विवाद का मुद्दा उठाने वाले नेपाल के रुई गांव पर पिछले 3 साल से चीन ने कब्‍जे की खबर छापी थी।

Nepal Flag

क्या था बलराम की खबर में ?

बलराम की खबर में खुलासा हुआ था कि करीब 60 साल तक नेपाल सरकार के अधीन रहने वाले रुई गांव के गोरखा चीनी शासन के अधीन हो गए हैं। नेपाली अखबार अन्‍नपूर्णा पोस्‍ट की खबर के मुताबिक नेपाल का रुई गांव वर्ष 2017 से चीन के शासन वाले तिब्‍बत के स्‍वायत्‍त क्षेत्र का हिस्‍सा हो गया है। बता दें कि इस गांव में अभी 72 घर हैं। नेपाली नक्शे में अभी भी रुई गांव शामिल है, लेकिन अब वहां चीन का कब्जा है। इस खुलासे के बाद बनिया की मौत ने पूरे मामले पर शक गहरा कर दिया है।

बलराम की रिपोर्ट से गरमाई थी नेपाल की राजनीति

बलराम बनिया की रिपोर्ट से नेपाल की राजनीति गरमा गई थी। बनिया के इस खुलासे के बाद नेपाली विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवली ने दावा किया था कि चीन ने किसी तरह का कब्‍जा नहीं किया है। नेपाल में चीन की राजदूत ने भी इस पर सफाई दी थी। बलराम बनिया की मौत के बाद नेपाल प्रेस यूनियन ने सरकार ने उनकी मौत की गहराई से जांच की मांग की है। अभी तक यह पता नही चल पाया है कि बलराम की मौत आत्महत्या है, हत्या है या फिर दुर्घटना। बता दें कि उनके शरीर और चेहरे पर चोट के काफी निशान भी मिले हैं।

china flag

अच्छे पत्रकार के रूप में जानें जाते थे बनिया

50 साल के बनिया का शव मकवनपुर के मंडो हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट एरिया के पास मिला था। उनके शव की पहचान शव मिलने के एक दिन बाद बुथवार को ही हो पाई थी। वह कांतिपुर डेली के शुरुआती दिनों से ही उसकी कोर टीम का हिस्सा थे। शुरुआत में एडिटोरियल डिपार्टमेंट में काम करने के बाद उन्होंने रिपोर्टिंग शुरू की थी। उन्हें काम के प्रति समर्पित एक अच्छे पत्रकार के रूप में जाना जाता था। उनके साथ काम करने वाले लोग उन्हें एक विलक्षण, जमीन से जुड़े और ईमानदार शख्स के रूप में याद करते हैं।